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नारी सशक्तिकरण एक ऐसा शब्द जो आज कौन है कौन है पूरी दुनिया पूरे देश में गूंज रहा है |आखिर क्यों आखिर क्यों हमें आज इस शब्द को इतनी तेज गति में फैलाने की जड़ इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ रही है कहीं ना कहीं इसमें हमारी ही कमी है आखिर क्यों हमें औरत को इतना कमजोर बना रखा है या फिर औरतों में खुद को खुद कमजोर बना रखा है कहीं ना कहीं कमीनी औरत की भी है कहीं ना कहीं कमी हमारे सभी आदमियों की भी है|हमें नारी सशक्तिकरण चलाया था मगर क्या हमने यह सोचा कि वह दुनिया के कोने कोने तक पहुंचना है क्या इसका सही इस्तेमाल हो रहा है नारी सशक्तिकरण सभी औरतों के लिए चलाया गया परंतु अभी भी कुछ जगह ऐसी है जहां पर नारियां अपने हित अपने अधिकारों के बारे में जागरूक नहीं है क्योंकि वहां पर हम पहुंच नहीं पाते हैं कैंपेन चला तो दिया है किस में स्कूल कॉलेज में पब्लिक क्या यह गांव के उनकी जगह पर है जहां पर गांव की जगह पर जहां पर औरतें अशिक्षित हैं वहां तक पहुंच पा रहा है नारी सशक्तिकरण यानी कि नारी का अधिकार नारी को पढ़ने की अधिकार 9 को जीने का अधिकार नारी को बोलने का अधिकार प्रभारी को भी नहीं पता उसके अधिकार क्या है |आज इस आधुनिक युग में भी बहुत सी ऐसी जगह है जहां पर की लड़कियों को अभी भी घर के चारदीवारी में कैद करके चोदा चौका करने के आदेश मिलते हैं उन्हें बाहर पढ़ने का आदेश है उन्हें बाहर पढ़ने की इजाजत नहीं है घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है अपने पर फैलाने की इजाजत है वहीं दूसरी ओर लड़कों को घर का चिराग बताकर ने सारी सुविधाएं दी जाती है अच्छे से अच्छा खाना अच्छे से अच्छे कपड़े अच्छे से अच्छी पढ़ाई अच्छे से अच्छा स्कूल मगर वही जब बात लड़की पर आती है तो उसकी दुनिया बस वही घर की चारदीवारी खाना बनाना कपड़े धोने सारे कामों में समाप्त|लड़की  अपने सपनों को पूरा करना चाहिए बच्चे स्कूल में पढ़ना चाहिए या अपने पंख फैलाना चाहिए अपने अपने जीवन के उद्देश्य को अंजाम देना चाहे तो यह समाज समाज वाले उसे जीने नहीं देंगे अगर वह रात को देर से आती है अपने काम से छुट्टी मिल कर तो उसे यह उसे या बदचलन कहने लगता है अगर लड़की का रेप हो जाए तो उसमें उसके कपड़ों की गलती है उसके रहन-सहन की गलती है उसका देर तक घूमने की गलती है वहीं दूसरी और लड़के को कोई कुछ नहीं कहता। आखिर कब तक हम इंतजार करेंगे हमें यह नारी सशक्तिकरण की वजह और कहो कि घर-घर जाकर के सरकार की मदद लेकर के उन्हें उनके अधिकारों के बारे में बताना चाहिए ना कि दुनिया को दिखाने के लिए नारी सशक्तिकरण पर आना चाहिए और देखना चाहिए कि क्या इसका नारी सशक्तिकरण का सही उपयोग हो रहा है क्या सच में कम हो रहे हैं क्या और औरतों की पढ़ाई और ध्यान दिया जा रहा है कि औरतें शिक्षित हो रहे हैं क्या उनका शोषण होना बंद हो गया है हमें यह सब जरूर देखना चाहिए।।।।

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