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इंसान से इंसानियत
रिश्ता अब टूट चुका है
सत्ता के लालच में
अब समर जारी है|

बुद्ध ने शांति का उपदेश दिया
अहंकारी सब भूल गया है
देश की सीमाओं का विस्तार
मासूमों की जान ले ली गई|

जिंदगियां डर से जंग बन गई हैं
उनका जीवन टूट गया है|
किसी हथियार से वार करके
गर्भ धरणी को जला दिया जाता है|

क्या कोई इसे बाहर रख सकता है?
जंगल की आग में बाल विहार जो जल रही है|
क्या वे जिंदगियां बच जाएंगी?
अग्नि युद्धों में शामिल है|

तुम घोंसले में वापस कब आओगे?
रणभूमि में, जो निर्जीव होकर उड़ गया है|
इस समर के नतीजे दोबारा आएं
मैदान में वही लड़ते हैं जो दुनिया से चले गए|

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