"संघर्षों का नाम ज़िंदगी,
चलते रहना काम ज़िंदगी,
चलती बेआराम ज़िंदगी,
भागमभाग का नाम ज़िन्दगी।“
इस जीवन की मंद मधुर मंथर मंथर मुस्कान सुनो,
ये आँख मिचौली करती है, तुम भी इसके संग-संग खेलो,
ये कभी हमें है सिखलाती, कभी इठलाती, कभी इतराती,
ये कभी कभी तो दे जाती हमको है अद्भुत ज्ञान सुनो,
बस तुम अपलक इसको देखो और तब इसका जयगान सुनो,
रहना संघर्षों में, जीना भी यहीं, मरना भी यहीं,
कुनकुनी धूप सा है जीवन, तुम इसका अंदाज़ ऐ बयान सुनो,
कभी हंसाती, कभी रुलाती, कभी कभी तो भरमाती,
सीधी सपाट सी नहीं है ये, कभी नरम नरम, कभी सख्त सख्त,
कभी तीखी खट्टी भी है ये,
तुम तो बस इसका स्वाद चखो, और मंद मंद आगे बढ़ लो,
जाड़े की सर्दी भी है ये, तपता सा मरूस्थल भी है ये,
कभी बरस पड़े ये मूसलाधार,
तुम इसका रसास्वादन कर गुपचुप गुपचुप आगे बढ़ लो,
जीवन जीना इक कला है दोस्त, ये जीवन का फलसफा है दोस्त,
‘जो बीत गयी वो बात गयी’, जो गुज़र गया वो बिसरा दो,
जो है समक्ष, संचित कर लो, जो चला गया विस्मृत कर दो,
इस जीवन की मंद मधुर मंथर मंथर मुस्कान सुनो,
यहाँ तपिश भी है, और ठंडक भी,
आज़ादी है और बंधन भी,
पर तुम सबसे निरपेक्ष रहो,
बस जीवन का मधुर अलाप सुनो,
आह्लादित हो, प्रफुल्लित हो,
आनंदित हो, और प्रेरित हो,
जीवन के मधुर क्षणों को छूकर,
तुम इसमें आलोड़ित हो,
ये जीवन भले हो क्षणभंगुर,
पर तुम इसकी रफ़्तार सुनो,
इस जीवन की तुम मंद मधुर मंथर मंथर मुस्कान सुनो,
इस जीवन की तुम मंद मधुर मंथर मंथर मुस्कान सुनो।

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