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जीवन चलने का नाम,
आगे ही बढ़ने का नाम,
रुकना इसको नहीं है भाता,
जीवन में सुख आता, दुःख जाता,
सुख जाता, दुःख आता।“
फूल हों राहों में या कांटे हों, हर हालत में चलना होगा,
कोई विपदा आए भले ही, तुझको आगे बढ़ना होगा,
परिस्थितियों से मुख ना मोड़ो,
सब से ऐसा नाता जोड़ो,
धन त्यागो तुम भले ही लेकिन, हिम्मत से ही चलना होगा,
तुम अपना पथ स्वयं बनाओ,
राहों को तुम स्वयं ही सजाओ,
अपने उज्ज्वल भविष्य की खातिर तुमको ही प्रण लेना होगा,
बाधाएं कितनी भी आएं, तूफानों जैसी टकराएं,
उनसे टक्कर ले लेकर ही तुमको 'कल' को गढ़ना होगा,
बस ईश्वर पर रखो भरोसा,
शनैः-शनैः ही बढ़ते-बढ़ते, अपना पथ आलोकित होगा,
भले ही हम गिरते-पड़ते हों, टूट-टूटकर फिर बिखरे हों,
पर फिर भी उम्मीद की किरणों को दामन में भरना होगा,
हर पल, हर क्षण, जीवन में हमको आगे ही आगे चलना होगा,
भले ही राहें दुर्गम हों, अचल हों,
हमको तो आशाओं के हिंडोले में आलोड़ित होना होगा,
साहस, हिम्मत, धैर्य का सम्बल सबको हृदय में संजोना होगा,
"चरैवेति-चरैवेति" ही ध्येय हमारा,
हमको इसका सम्बल लेकर हर पल आगे बढ़ना होगा,
हर पल आगे बढ़ना होगा,
सुख हो, दुःख हो, धूप हो, छाँव हो,
कुछ भी हों हालात,
हमें तो फिर भी आगे बढ़ना होगा,
फिर भी आगे बढ़ना होगा,
जीवन का निर्माण ही सुख और दुःख का संगम है,
धीमे-धीमे, हौले-हौले, सरकते, खिसकते, कुनमुनाते, घिसटते, बिलबिलाते,
कुछ भी हो जाए, आगे ही आगे बढ़ना होगा,
अतीत की खट्टी-मीठी यादों को मन की गहराइयों में समेटे हुए,
सुनहले भविष्य से आँख-मिचोली खेलते हुए,
हमें आशाओं और निराशाओं के सागर में डूबते -उतराते हुए,
उस पार तलक जाना होगा,
उस पार तलक जाना होगा।

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