Photo by Engin Akyurt: from pexels.com मदद करो May Day Help!
वो जो गंगा स्नान को निकले महाकुंभ मेले मे
वो जो समा गये महाकुंभ के रेले मे
भगदड़ में जान गई हज़ारों की
गुहार करी होगी मदद की अपने ईश्वर से
गगा तट पर जान गई!
मोक्ष की चाह मे आये थे मिल गया?
संतोष करना चाहिए, पर उन अरमानो का क्या
उन सपनो का क्या जो एक पल मे बह गये?
मदद का वादा किया लाखों में
जान की कीमत कुछ लाख रुपये?
अरमानो की कीमत इंसान की कीमत!
रात गयी बात गई प्रियजन की जान गई
पैसा क्या खाक लौटा पायेगा वह सपने
जो समा गये गंगा तट पर महाकुंभ की बली बेदी पर?
परियतक स्थल बन गया था गंगा तट
दूर पास से लोगों को लुभावने सुहाने दृश्य दिखाये
गंगा के प्रति श्रधा को बेचा गया
खुश थे की रिकॉर्ड तोड लोगों ने
स्नान किया महाकुंभ में
मदद की जरूरत है इस सोच को
मन चंगा तो कठौती मे गंगा
इस सोच के स्थान पर
गंगा हो गयी मैली पापियों के पाप धोते ढोते!
संख्या संस्कार से ऊपर हो गई!
जिस के प्राण गये तो विधि का विधान!
श्रद्धा उनकी सुरक्षा व्यवस्था किसकी?
नियम पालन की जिमेवारी किसकी?
जान की कीमत दिलवाने की जिमेवारी किसकी?
मदद करो जब खुली वादियों में गोलियां चली
मासूम लोगोँ ने जान गवंई
मदद की गुहार मांगी ईश्वर के नाम पर
जान गवाई धर्म के नाम पर
सुरक्षा वयवथा की जेम्मेवारी किस की?
कौन से नियम का पालन नही किया जो
हँसते खेलते परिवार जन ने सपने खो दिये
यही है सजा एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र की?
युध ही हल है इस सोच का?
मदद राशि की घोषणा की गयी
क्या सिंदूर की कीमत लगाई जा सकती है?
ये तो मदद राशि है इस से नए सपने बुने जा सकते?
सुरक्षा व्यवथा सही वख्त पर
मदद की जिमेवारी किसकी?
संतोष करो समय से समझौता करना सीखो!
नियम का पालन कर्म कैसा?
मनुष्य जीवन संघर्ष और समझ बूझ से चलता है!
ना की भावनाओ से
मदद राशि लो नया जीवन शुरु करो चुप रहो!
प्रश्न करे अपने आप से जिम्मेवारी आप की
वादियों का आनंद लेने आप गये
आप के निर्णय का जिम्मेवार कौन?
स्वम आप और कौन?
घटना के बाद युध बदला!
वहाँ जो हुआ उसका विश्व स्तर पर
संघर्ष का कारण बना युद्ध के बादल छा गये!
मदद करने निकले थे चार दोस्त
विवाह करवाने की जिमेवारी किसकी
पत्री मे मंगल दोष निकाला उनकी
इस प्रकार की सोच का जमेवार् कौन?
गुवाहटी से मेघालय एक मासूम
शादी की बेदी बन गयी बलि बेदी!
मदद करने निकले थे दोस्त की?
दोषी बन गये हत्यारे कहलाये!
मासूम की जान गयी मदद देने वालो ने जान ली
जीवन भर का का साथ देने का वादा
शादी करवाने की जमेवारी किसकी?
ख़ुशी के आलम मे शक कौन करता है?
मंद बुद्धि हो जाती है भावना मे बह कर!
प्यार में धोखा कोई नयी बात नही!
पर दोस्ती के नाम पर हत्त्या?
ग़ुमने निकलने वालों की जेमेवारी किसकी?
दोस्ती के नाम पर धब्बा!
May Day! मदद करो!
प्लेन उड़ा सपने मे भी नही सोचा
१२ सेकंड्स में २६६ जाने ख़तम!
और मदद कोई नही कर पाया!
करोडो की मदद राशी का वादा?!
क्या लौटा सकता है वोह सपने!
वो डॉक्टर जो जीवन बचाने का सपना था
उन के सपने बिखरे जिमेवार कौन?
मौन है उन के अपने निरुत्तर है सब
जिमेवार कौन? किस्मत उनकी!
आसमान को छूने के सपने!
मदद राशि उन अरमानो का क्या कर पाएगी
जो महाकुंभ मे बह गये
जो कश्मीर की हसीं वादियों में खो गये
जो जीवन साथी के साथ के भटकव मे
भरोसा ही उड गया जीवन पर
प्लेन ने take off पर May Day की दरकार
मदद करने की बात कर रहे हैं!
मदद मांग नहीं
जरूरत भी नही!
प्रश्न ये है जिम्मेवार कौन?
जो घर से निकले स्नान करने!
जो निकले हसी वादियों का आनंद!
जोड़ा जो निकला और गुम हो गया?!
जो निकले सपने लिए आकाश मे पाताल मे गिरे?
जो हॉस्टल मे सपने पल भर में धुआँ हो गये?!
या आम आदमी की कोई सुरक्षा नही!
सिर्फ मानवता के नाम मदद राशि!
सोचने का विषय है!
मदद करने वाले करे !
मानवता की समझ के परे है ये असुरक्षित व्यवस्था!
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