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घर में चूल्हा जल सके इसलिए कड़ी धूप में जलते देखा है.....
हा मैंने गरीब की सांस को गुब्बारों में बिकते देखा है ।

निर्धनता के कारण लगभग भारत में आधी आबादी दर्द भरा जीवन जी रही है। निर्धनता का मुख्य कारण, अशिक्षा, भ्रष्टाचार, बढ़ती जनसंख्या, कमजोर कृषि , अमीरी ओर गरीबी के बीच बढ़ती खाई आदि है।

गरीबी इस कदर है की इंसान अपनी इच्छा ना पूरी कर पाने के कारण आत्मा हत्या, मर्डर, चोरी, किडनैपिंग जैसे काम करने पे मजबुर है । आए दिन तरह - तरह के घटना सुनने में आती है । कभी-कभी तो ऐसी घटना सुनने को आती है जिनको सुनके रूह काप जाती है । जैसे चन्द पैसों के लिए उसने उसका मर्डर कर दिया, गुंडे भेज के मरवा डाला बहुत सी खबरे आती है बस गरीबी की वजह से ऐसे कदम उठाते है । सच-झूठ , बड़ा- छोटा , मान-अपमान कुछ भी नहीं दिखता अब बस पैसा मिले और हम गरीब से अमीर हो जाए किसी के सामने झुकना ना पड़े अब बस यही दिखता है कारण क्या है पैसा और गरीबी, चाहे उसके लिए किसी का हिस्सा भी लेलो लेकिन अमीर होना है चाहे उसके घर में चूल्हा ना जल रहा हो बच्चे भूखे हो पर उससे कोई मतलब नहीं गरीब नहीं होना है करोड़पति बनाना है ओर इसमें ज्यादा वहीं इंसान फस जाते है गरीब रहते है जो सीधे- साधे होते है जिन्हें उतना ज्ञान नहीं होता है कि क्या करना सरकार तो योजना बनती है गरीब को घर देगे अनाज देगें पर गरीब के पास इतना दिमाग नहीं ओर अमीर फटाफट यह कॉल की वह कॉल की हो गया काम योजनाओ का भी लाभ उठाने लगे और गरीब को बोल दिया ये पेपर यह लगाओ वहां लगाओ तुम्हारा ये नहीं बना वो बनवाओ और गरीब वहीं करने लगता है कारण इतना ज्ञान नहीं है उन्हें और अगर उसने कुछ बोलना चाहा साहब काम तो हो जाएगा तो उसे चिल्ला दिया और अगर अमीर ने पूछा तो बोलते सर शाम तक हो जाएगा परेशान मत होहिए।

अशिक्षित इंसान को ज्यादा परेशानी होती है । वो धूप में दौड़ता रहेता जो बोल दिया जाता वो करता है और सारा समय इसी में चला जाता है फिर बोल दिया जाता देर होगी सारा काम होगया । लाभ भी नहीं हुआ और जो घर में था वो भी चला गया । सरकार को ऐसे कड़े निर्देश लागू करने चाहे की लाभ उन ही मिले जिन्हें जरूरत हो । उन्हें नहीं की रात में वो पार्टी करे उन्हें मिले जिनके घर रात को चूल्हा जल सके ।

ये सियासत

तूने भी इस दौर में कमाल कर दिया.....

गरीबों को गरीब अमीरो को मालामाल कर दिया ।

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