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एक बडी मीडिया कंपनी K TV इंडिया की सबसे बडी मीडिया कंपनी माना जाता था,ओर वह अपना नाम विदेश मे फैलाना चाहतें थे, इस केलिए कंपनी के MD रामचरण ने एक मिटिंग रखवा ली,ओर मिटिंग की बात सुनकर सब लोग आ गए, कंपनी के MD रामचरण नेकहा की हमे कुछ ऐसा करना चाहिए की कंपनी का नाम आगे बढ़े तब वह सारे कर्मचारी बैठ कर सोच रहे थे की क्या ऐसा करे की यह फर्म आगे बडे, तो उस मेसे एक कर्मचारी ने कहा की क्यो ना हम पुराने महलों के बारे मे रिचॅज करे ओर उसकी पब्लिक को दिखाए, यह बहुत अलग ओर अनोखा होगा, बाकी कर्मचारी ने सहमती मे हा कहकर बोला ओर कहा की यह आईडिया बहुत ही मजेदार हे,यह आईडिया रामचरण को भी बहुत पसंद आया,ओर बोला की आईडिया तो अच्छा है पर उस पर काम कोन करेगा तब ओर एक कर्मचारी ने अभय का नाम लिया, ओर कहा की अभय इस काम के लिए बहुत ही बेहतरीन रहेगा, सब लोगो ने भी कहा अभय ही जाए, क्योंकि अभय सबका फेवरेट था, इन्फेक्ट कंपनी का MD रामचरण भी यह चाहता था, पर अभय चुपचाप बैठा था,रामचरण बोला क्या हुआ?

तुम्हे कुछ नही कहना है?तब अभय बोलता है की मै सोच रहा हू की कोनसा महल पहले चुना जाए, तब रामचरण बोला तुम्हे पूरा भरोसा था की हम तुम्हे चुनेंगे,तब ही अभय अंगड़ाई खाते बोला वैसे मेरे अलावा काबिल है कोन?

आँख मारकर हस ने लगा अभय की बात सुनकर सब लोग भी हँसने लगे,तुरंत ही अभय ने सबको सोरी कहकर बोलना जारी रख कर कहा की मै मजाक कर रहा था यहां सब काबिल है,ओर कहा कोन कोन मेरे साथ इस प्रोजेक्ट मे आकर मुझसे जोइन करना चाहते है, तब सिद्धांत, मानसी और अविनाश ने हाथ उठाया, बाद मे सिद्धांत, मानसी,अविनाश ओर अभय ने मिटिंग रखी उस मिटिंग मे यह डिसाइड हुआ की वे लोग राजस्थान के सितम गढ़ मे जाने वाले थे, क्योंकि सब लोग यह बात करते थे की उस महल मे आत्माए वास करती है,ओर कोई भी रात के समय मे महल मे जाता था दूसरे दिन उसकी लाश ही बाहर आती थी,इसलिए अभय ने उस महल को चुना,अभय ने कहा हम उस महल के बाजु वाले घर मे रहेंगे, वैसे अभय के सारे सहयोगी काफी निडर थे सिर्फ सिद्धांत को छोड़कर,सिद्धांत बोला हम वही महल क्यो चुन रहे हौ जहा इतनी सारी मौत हूई है, अभय बोला लाइफ थोडी मजेदार बनाते है, इसलिए मेने यह महल चुना।ओर यह बात अभय ने रामचरण को बताई रामचरण बोला मै तुम लोगो की महल के बाजु के धर मे रहने की परमिशन लेके रखता हु,इसलिए तुम्हे वहा कोई मुश्किल ना हो पाए,ओर खाने पीने की ओर अच्छे से रहने की भी व्यवस्था करवा देता हु, दुसरे दिन वह लोग निकल गए सितम गढ़ महल के लिए, रात तक वह लोग पहुंच गए, जब वे लोग महल के बाजु वाले घर पर पहुंचे वहा उस धर का केअर टेकर खडा था उसका नाम चंदु था, सब लोग जब गाडी से बाहर निकले तब चंदु ने सबको समान देकर नमस्कार किया,ओर सब को अंदर लेकर गया, बाद मे सबको पुरा घर दिखाया ओर उन सबको उनका रुम दिखाया,बाद मे सब लोगो ने अपने अपने रूम मे सामान रखा ओर फ्रेश होके खाना खाने के लिए नीचे आ गए, सब लोगोंने अच्छे से खाना खाया ओर थोडी देर बैठे ओर सब लोगो ने सोचा आज आराम करते है और कल के काम चालू करते है,सब लोग एक दुसरे को गुड नाइट कहकर वहा से चले गए, पर अभय ने कहा तुम जाओ मुझे कुछ काम है मै बाद मे जाता हू रुम मे,मानसी बोली क्या हुआ कुछ प्रॉब्लम है क्या? तब अभय बोला अब यहां आ ही गया हु तो थोडा बहुत बाहर से देख लू, तब मानसी ने चेतावनी के साथ कहा जो भी करना ध्यान से अभय बोला तुम जाओ मै जो भी करूंगा ध्यान से ही करूंगा तुम टेंशन मत लो ओर आराम करने चली जाओ, क्योंकि कल बहुत सारे काम करने है,जब मानसी ने यह सूना वह हा बोल कर चली गई, ओर अभय महल के पास गया और महल के आजु बाजु चक्कर काट ने लगा,चक्कर काट ने बाद वह अपने रुम मे चला गया, दुसरे दिन अभय ओर उस के साथी तैयार होकर महल मे चले गए, महल मे उनको एक बूढ़ा आदमी मिला अभय उनके पास गया ओर महल के बारे पूछने लगा की यह महल को शापीत क्यो कहा जाता है ?तो बूढ़ा आदमी पूछने लगा की तुम यहां क्यो आए हो?

ब अभय बोला हम लोग मिडिया मे काम करते है और हम पुराने महल पर एक कहानी बनाना चाहते है इसलिए लिए हम यहां आए है,तब बूढ़ा आदमी बोला मै तुम्हारी मदद कैसे करू तब अभय बोला की आप मुझ बताओ की इस महल के पीछे क्या कहानी है, बूढ़ा आदमी बोला की यह बात 1760 की है,यह ऐक कुशल राज्य हुआ करता था यह सब हमारे राजा रघुवीर प्रताप के कारण मुमकिन था,वह कुशल राजा थे,ओर शक्तिमान शूरवीर थे, उन्होने यह कुशल राज्य बनाने के लिए बहुत कुछ किया था,इसलिए पड़ोसी राज्य उनसे जलते थे,रघुवीर बडो का ओर साघु महाराज को बहुत मानते थे, यही चिज़ का फायदा उठाया पडोसी देश ने,एक दिन ऐसा कुछ हुआ जो नही होना चाहिए था,एक दिन हमारे सितम गढ़ मे एक साधु महाराज आए तब रघुवीर जी ने उनको सहारा दिया पर वह साघु नही एक तांत्रिक था जो पड़ोसी राज्य से भेजा हुआ था,ओर वह तांत्रिक की विद्या मे महारत हासिल की थी वह धीरे धीरे तांत्रिक विद्या से अपना तांत्रिक वाला पानी से अपने प्रसाद से सब के शरीर मे धीरे धीरे विष देने लगा ओर वैद को भी समझ नही आ रहा था की तकलीफ कहा हो रही है,एक दिन किसी को बाबा पे सक गया की यह सब जो हो रहा कहीं ना कही बाबा के कारण हो रहा था,ओर किसी ने यह सब बात राजा को बताई पर रघुवीर मानने को तैयार ही नही था पर जैसे तथ्य थे इसलिए राजा ने अपने गुप्त आदमी फैला दिए, थोडे दिनो के बाद सच्चाई सामने आई की जो भी कुछ हो रहा था वह साघु के कारण ही हो रहा था,इसलिए राजा ने उस साघु को मौत की सजा सुनाई पर जब सारे गांव वाले उस तांत्रिक को जला रहे थे तब वह तांत्रिक बोला की तुम मेरे शरीर को जला सकते हो पर मैरी आत्मा को नही यहां मैरी रूह सबको बर्बाद कर देगी और यह राज्य सम्शान को बन जाएगा,यह कहकर वह तांत्रिक मर गया,दुसरे साधुओं ने वह तांत्रिक का शरीर दफना दिया ओर उसके ऊपर मंत्र-जाप कर दिया,फीर भी राज्य पूरी तरह से तहस-नहस हो गया और थोडे समय के बाद राजा रघुवीर की मौत हो गई ,यह कहानी है इस महल की पर सब लोग कहते है की तांत्रिक की आत्मा ओर राजा रघुवीर की आत्मा यह इस महल मे भटक रही है इसलिए यहां इतनी सारी मौत हो रही है यह कहकर वह बुढा आदमी चुप हो गया,अभय ने उस बुड्ढे आदमी को पूछा की आपने कभी भी उनकी आत्मा को देखा तब वह बुढा आदमी बोला नही पर महसूस किया है,यह सब सून कर अभय एक गहरी सोच मे पढ गया, ओर महल की दुसरी तरफ घूमने लगा,महल घुमते घुमते रात हो गई, जब वह लोग घर के लिए निकल रहे थे तब अचानक अभय चिल्लाते हुए कहा, यहां सब गडबड है, यहां जो दिखाई दे रहा हे वह सच ही हे,अभय को चिल्लाते हुए देखा तब सारे लोग डर गए, खासकर सिद्धांत, सिद्धांत पूछने लगा की क्या हुआ तुम ऐसे क्यो चिल्ला रहे हो तब अभय बोला मै अभय नही हु मै रघुवीर हु यहां जो भी कुछ हो रहा है इस के लिए कोई ओर जिम्मेदार है,यह कहकर अभय बेहोश होकर गिर जाता है...

तब सब लोग हैरान हो कर अभय को संभाल ने की कोशिश करते हुए उसके रुम तक पहुंचा देते है,जब अभय को रुम मे पहुंचाकर वह बाहर खडे रहते हे तब एक महाराज आते है और पूछते हे की वह बालक कैसा है तब मानसी पूछती है की आप को कैसे पता की यहां क्या हुआ है तब ही एक पीछे से एक बूढ़े आदमी की आवाज आई वो बोला मैने बताया ,वो वही आदमी था जो महल मे मिला था,वह महाराज बोले की कोई टेंशन वाली बात नही है समय सब सवाल का जवाब दे देगा वह यह कहकर चला गया, सब लोगो को कुछ समझ नही आया,दुसरी तरफ अभय को एक सपना आता है की उसको कोई एक रुम मे लेकर जा रहा अभय अपना हाथ छुड़वाने की बहुत कोशिश करता हे पर वह छुड़वा नही पाता जब अभय अपना हाथ छुड़वाने की कोशिश करते वक्त जिस ने उस का हाथ पकड़कर रखा था वह उस की सकल देख कर स्तब्ध रह जाता है वह उसकी ही सकल होती है फर्क उतना ही था की उस ने शाही लिवाज़ पहना था, वे जब रूम मे पहुंचे अभय वह नजारा देखकर कुछ बोल ही नही पाया उस रूम मे महल की एंटीक चीज़ों को बाहर विदेश मे बेचे जाने की तैयारी हो रही थी ओर उस की जगह नकली चिजें लोग रख रहे थे,अभय ने यह सब देखा तो वह सब रोकने की कोशिश कर ने लगा पर जिसने अभय का हाथ पकड़कर रखा था वह बोला तुम क्या कर रहे हो? तुम अभी इन लोगो का कुछ नही बिगाड़ सकते ,अभय बोला क्यो ओर तुम मेरी तरह क्यो दिख रहे हो तब वह परछाई बोली मै तुम्हारे परिवार का एक हिस्सा ही हु ,मै राजा रघुवीर हु,मै तुम्हारा पूर्वज हु अभय बोला तो मेरे परिवार ने मुझे यह बात क्यो नही बताई तब वह परचाई बोली जिनको पता था वह लोग तुम्हारी दुनिया रहे नही है तो तुम्हे कैसे बता था...

अभय ने वापस एक सवाल पूछा की आप ने यह सच्चाई मुझे क्यो बताई किसी ओर को क्यो नही रघुवीर बोला यह सच्चाई मेरे परिवार के सदस्य को ही बता सकता था और मै कब से ऐसे व्यक्ति का ही इंतजार कर रहा मेने पहले भी कोशिश करी थी पर कामयाब नही हो पाया था,तब एक बाबा ने मुझे बताया की मुझे कोई भी देख सुन नही सकता जब तक मेरे रक्त संबंधी ना देखे, इसके लिए मे तुम्हे बता पा रहा हु,क्योंकि तुम्हारे शरीर मे मेरे रक्त दोड रहा है,ओर नियती भी यही चाहती थी इसलिए लिए तुम यहां आए मैरी मदद करने,ओर यह महल मेरे लिए मंदिर है मै यह नही चाहता की कोई इस महल को शापित महल जाने इसलिए,तब अभय बोला की आपकी आत्मा अभी तक क्यो भटक रही है तब रघुवीर बोला मे यह महल को कभी भी नही छोड पाऊंगा क्योंकि यह महल मे मैरी जान है और जब मै मरने वाला था तब भी मुझे इस महल की चिंता थी इसके लिए मरने के बाद मेरी आत्मा यही भटक ती है यह कहकर वह परछाई गायब हो गई, ओर वह चौक कर उठा तब सभी वहा खड़े थे यह सारी बाते अभय ने अपने कार्यकाल के दोस्तो को बताई पहले तो किसी ने भरोसा नही किया तुंरत अभय उन लोगों को उस रुम की तरफ लेकर गया यह सब देखकर सब की आंखे खूली की खूली रह गई, दुसरे दिन उस जगह पुलिस आई ओर सब जब्त कर दिया,ओर यह खुलासा भी हो गया की जितनी भी मौत हुई हे वो सब मे भी उनका ही हाथ था, क्योंकि सब लोग इस रूम के बारे मे जान गए थे इसलिए, थोडे टाइम के बाद अभय ने इसके ऊपर एक कहानी बनाई ओर मिडिया के जरिए सबको इस महल के राज के बारे मै बताया ।

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