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मैरी इस कहानी मे भी कुछ ऐसा ही मेरा एक दोस्त है कबीर सिन्हा, वैसे हम पांच लडको का एक ग्रुप था,मै(विकी),युवी, विवान,नितीन ओर कबीर वैसे कबीर हमारे ग्रुप मे सबसे ज्यादा पढ़ाई मे ओर दूसरी एक्टिविटी मे आगे था, अभी हम १० कक्षा की फाइनल परीक्षा की तैयारी कर रहें है।बहोत घंटे से हम पढ़ाई कर रहे थे इसलिए हम लोगो ने पढ़ाई से थोडा ब्रैक लिया ओर हम लोग १० परीक्षा के बाद कॉलेज को लेकर बात कर रहे थे तब सब लोग प्यार ओर गर्लफ्रेंड की बारे मे बात कर रहें होते है की हम इतनी गर्लफ्रेंड बनाएंगे,हम मस्ती करेंगे पर जब हम लोग प्यार की बात कर रहे होते तो कबीर हमेशा कहता मैरी लाइफ मे एक ऐसी लडकी होगी जो मेरे लिए भगवान ने बनाई होगी बस, तब हम सारे दोस्त पूछते की तुम्हे कैसे पता चलेगा की वह लडकी सिर्फ तुम्हारे लिए बनी होगा "तब वह कहता जब मै उसको देखूंगा तब मेरे दिल मे ऐक अलग कनेक्शन लगेगा ओर मेरा दिल मुझे कहेगा की यही वह लडकी है जो मेरे लिए बनी है"!!! देखते ही देखते १० की परीक्षा खत्म हो गई, हम सारे दोस्त एक दूसरे बाय कहकर लम्बी छुट्टी के बाद मिलने का प्लान बनाया, दो दिन के बाद हम अपने अपने परिवार के साथ बाहर धूमने चले गए,कबीर भी अपने परिवार के साथ दिल्ली घुमने चला गया, कबीर एक लौता लडका था अपनी माता पिता का,कबीर की मां का नाम सुनेना सिन्हा ओर अशोक सिन्हा,कबीर ओर उनका परिवार दिल्ली घुम ते घुम ते उन लोगों ने हरिद्वार रुकने का फ़ैसला लिया,जब हरिद्वार के एक होटल मे वे लोग रुम बुकिंग करवा रहे थे तब कबीर की नजर एक लडकी पर पड़ी "वह लडकी दिखने मे बेहद सुंदर ओर उसकी आंखे प्यारी ओर मासुम सा उसका चहेरा एसा चहेरा एकबार देखले तो मुडकर वापस एकबार देखले ओर उसकी सुंदरता मे चार-चांद लगाते थे उसके लंबे बाल" जब कबीर की नजर उस लडकी पर पड़ी तो बस उसको देखता ही रह गया ओर उसके दिल मे एक घंटी बजी,पर जब उसकी मां ने उसके कंधे पर मारकर कहा की चलो हमे कमरा मिल गया है ऐसा क्या देख रहें हो तुम वहा? तब जाकर कबीर को होश आया तब कबीर बोला कुछ नही मां चलते है,वे लोग कमरे मे जा कर बेग साइड मे रख कर थोडी देर आराम करने की तैयारी कर रहे थे,कबीर के मां ओर पिताजी तो आराम करने लगे उनके कमरे मे ओर कबीर भी दुसरे कमरे मे चला गया आराम करने के लिए जब वह आराम करने लगा ओर सोने की कोशिश करने लगा पर उसके दिमाग मे बस वही लडकी ही आ रही थी,थोडी देर बिस्तर मे करवट बदलते बदलते सफर की थकावट के कारण उसको निंद आ गई, एक धंटे बाद कबीर की मां कबीर का रुम खटखटा कर उसको जगाया ओर कहा की तुम फ्रेश हो कर तुम बाहर आओ लंच का समय हो गया है तब कबीर उठ कर ओर फ्रेश होके बाहर जाता है बाद मे वे तीनो एक होटल मे जाते है, जब वे लोग होटल पहुंचते है ओर कबीर खाने का ऑर्डर देता है जब कबीर का ऑर्डर देकर हो जाता है तब उसकी नजर वापस उस लडकी पर पड़ती है, पहले तो उसको घुरता ही रहता है बाद मे थोडी देर ऐसे ही उसको धुरा ओर कबीर ने सोचा की मे उसका नाम तो जानु ओर देखु की वह किसके साथ आइ है तब कबीर वोश रुम जाने का बहाना करके उस लडकी की तरफ चला गया ओर थोडा distance करके एक ऐसी जगह पर चला गया की वे लोग (पाखी के धर वाले) उसको देख ना पाए पर कबीर उन लोगो को सुन भी सके ओर देख भी सके कबीर छुप-छुप कर उन लोगों की बातचीत सुन रहा था,बात सुनते सुनते कबीर को पता चला की उस लडकी का नाम है पाखी अरोरा ओर उसने भी अभी १० की परिक्षा दी थी,ओर पाखी भी एकलौती लडकी थी उनके माता पिता की उसकी मां का नाम नेहा अरोरा ओर पिता का नाम था पार्थ अरोरा इत्तफाक से वह भी उस होटल मे ठहरी थी जहा कबीर ठहरा है जब यह न्यूज कबीर ने सूनी वह खुशी के मारे नाचने लगा जब वह खुशी के मारे नाच रहा था तब सब लोग उसको ही देख रहे जब यह कबीर ने महासुस किया कि सारे लोग उसको ही देख रहें है इसलिए उसने नाचना बंद करके अपनी सीट पर जाकर बैठ गया ओर थोडी देर मे खाना भी आ गया,वे लोग खाना खाकर होटल चले गए, जब वे लोग होटल पहुंचे तब कबीर ने उनकी मां ओर उसके पिता को कहा की आप लोग जाओ कमरे मे,मै थोडी देर यहां बैठना ओर वोक करना चाहता हु यह सून कर वे लोग चले गए, उन लोगों के जाने के बाद कबीर पाखी को होटल मे ढूंढ ने लगा की वह एक बार दिख जाए पर वह दिखी नही उसके बाद कबीर होटल के रिसेप्शन ईस्ट के पास गया ओर पाखी अरोरा का रुम नंबर पुछा तब उस रिसेप्शन ईस्ट ने पूछा "आप कोन हो?"कबीर ने पहले सोचा की मै सच बोलुंगा तो रिसेप्शन ईस्ट सब कुछ नही बताएगी इस से अच्छा यह है की मै झूठ बोलु यह सब सोचने के बाद कबीर ने कहा "मै उनका रिश्तेदार हु ओर उन्होंने मुझे रुम नंबर बताया था पर मुझे अच्छे से सुनाई नही दिया ओर मै कब से उनको फोन ट्राई कर रहा हु पर उनका फोन लग नही रहा है,तो आप मुझे रुम नंबर बताओगे"? रिसेप्शन ईस्ट कबीर की बात मान जाती है ओर रुम नंबर बता देती है। जब कबीर ने रुम नंबर सुना उस को यकीन ही नही हुआ की पाखी का रुम उसके बाजु मे ही था यह सुनकर वह एकदम खुश होकर रिसेप्शन ईस्ट को थैंक्यू कह कर निकल जाता है ओर वह सोचता है की किस्मत ही हमे मिला रही है यह सोचकर कबीर अपने रूम की तरफ जाने लगा जब वह अपने रुम की तरफ पहुंचा कबीर को पाखी की मां दिखी उसकी मां किसी से फोन पर बात कर रही थी, जब कबीर ने उसकी मां को देखा तो उसकी हिम्मत नही हुई ऊपर देखने की वह सिर निचे करके अपने रूम मे चला गया, थोडे दिन वह कोशिश करने की सोचता उससे दोस्ती करने की पर पाखी के साथ कोई ना कोई होता तो उसकी हिम्मत नही होती थी,पर एक दिन पाखी अकेले होटल से बाहर निकली तब कबीर को यह मौका अच्छा लगा वह पाखी के पीछे पीछे जाने लगा पर कबीर पाखी के इतनी दुरी मे था पाखी को पता ही नही चला,पाखी एक दुकान मे गई कुछ खरीदने उसके पीछे कबीर भी गया कुछ खरीदने के बहाने जब पाखी ने अपना सामान खरीद लिया ओर पेय्मेनट की बात आई तब पाखी को पता चला वह अपना पर्स रुम मे भूलकर आइ है तब वह बोलती है शोप कीपर से की," मै अपना पर्स भुल आइ हु तो बाद मै पैसे देती हु"(पर वह शोप किपर नही मानता ओर कहता है की,(बहुत देखें है तुम्हारे जैसे जुठ बोलने वालें।"(यह सुनकर पाखी बोलती है)" मेरा होटल पास मे है आप आ जाओ तब शोप किपर कहता है हम लोगो के पास टाइम नही है ओर मेडम मैंने आप के जैसे बहोत लोगों को देखा है पैसे होते नहीं ओर चीजे खरीद ने आ जाते है।"(यह नज़ारा सारे लोग देखते है ओर यह सब देखकर पाखी को बुरा लगता है ओर पाखी कहती है)"आप अपना सामान रख लो मुझे नहीं चाहिए आपका सामान।"(तब पीछे से कबीर पाखी को बुलाकर कहता है)"अरे पाखी तुम इधर क्या कर रही हो?"(तब पाखी पीछे मुडकर कबीर को देखकर चौक जाती है ओर कुछ नही बोल पाती बस वह कबीर को देखते ही रहती है,बाद मे कबीर दूकान वाले के पास जाकर कहता है की )"कितना बील है वह दूकान दार कबीर को बील थमा देता है ओर कहता है लड़कीयों से तमीज से बात करो यह कहकर कबीर बिल के पैसें देकर पाखी का हाथ पकड़कर वहा से बाहर लेकर जाता है दुसरी तरफ पाखी कबीर को देखते ही रहती है जब वे लोग दुकान से बाहर निकलते है तब पाखी अपने होश मे आती है ओर तुरंत अपना हाथ कबीर के हाथ से अलग कर के पूछती है,

पाखी: तुम कोन हो? तुम मेरा नाम कैसे जानते हो?ओर तुमने मैरी मदद क्यो की?

कबीर(पाखी को शांत करने की कोशिश करके):मै आपको जानता हु पर आप मूझे नही जानते।

पाखी(गुस्से मे): वो कैसे?

कबीर:मैने आपको होटल मे देखा जहा पर मे अभी रह रहा हु,आप के बाजू वाले कमरा मेरा है जहा पर मैं रहता हु ओर आपकी मां आपको बुला रही थी इसके लिए मुझे पता है,मुझे लगा आप मुसीबत मे हो इसके लिए आप की मदद की।

पाखी:( थोडी देर सोचने के बाद) मुझे माफ कर दो तुम तो मैरी मदद कर रहें थे ,ओर मैने आप पर ही शक कर रही हु

कबीर:इस ओके!!

पाखी(अपना हाथ आगे करके):हाई मै पाखी अरोरा।

कबीर(अपना हाथ पाखी से मिलाकर):हाई मै कबीर।

(कबीर बात को आगे बढ़ाकर)

कबीर: क्या तुम यहां घुमने आइ हो ?

पाखी:हा अभी अभी मैरी १० की परीक्षा खत्म हुइ है तो मै यहां अपने परिवार के साथ घुमने आइ हु,पर तुम यहां क्यो आए हो?

कबीर: मैरी भी अभी अभी १० की परीक्षा खत्म हुइ है ओर मै भी अपने परिवार के साथ घुमने के लिए आया हु। वैसे कैसी गई तुम्हारी परीक्षा?

पाखी: मैरी अच्छी गई, ओर तुम्हारी?

कबीर:मैरी भी अच्छी गई,

कबीर:अब तक कहा कहा घुमा?

पाखी: बस पुरा दिल्ली घुमा ओर यहां पे थोडे समय आराम करने के लिए यहां रुके है

कबीर:हम ने भी दिल्ली घुमे ओर यहां थोडे दिन आराम के लिए रूके है ।

पाखी:ओहो!!!

कबीर(हिचकिचाते):तुम कहा रहती हो?

पाखी:मुंबई, ओर तुम?

कबीर: मै भी मुंबई

वे लोग बाते करते करते होटल तक पहुंच गए,थोडे समय ऐसे बात करते करते अच्छे दोस्त बन गए, बाद मे वे लोग एक दूसरे को बाय कहकर अलग हो गए, कबीर को पाखी के जाने के बाद वह खुशी से नाचने लगा की वह ओर पाखी दोस्त बन गए है दुसरे दिन से वे लोग उसके बाद रोज मिलने लगे, वोक के लिए मिलने लगे ओर देख ते ही देख ते कबीर को पाखी से प्यार हो गया पर पाखी उसको एक अच्छा दोस्त मानती थी ,एक दिन अचानक पाखी को मुंबई जल्दी जाना पड़ता है इमर्जेंसी के कारण पर पाखी अपना फोन नंबर कबीर को दे देती है ओर कबीर नंबर सेव करने के बाद अपना नंबर दे देती है,पर मुंबई पहोचते पहोचते पाखी का फोन चोरी हो जाता है, पर यह बात कबीर को पता नही होती है, कबीर तो दुसरे दिन पाखी को कोल करता है पर फोन स्वीच ओफ आ रहा होता है तो कबीर को लगता है शायद धर पहुंचते उसके फोन की बेट्री खत्म हो गई होगी इसके लिए उसका फोन स्वीच ओफ आ रहा है,थोडे दिन बाद कबीर भी अपने परिवार के साथ मुंबई वापस आ जाता है, वह लगातार कही दिनो तक पाखी का नंबर लगा रहा था पर उसका फोन स्वीच ओफ ही आ रहा था ऐसे ही स्वीच ओफ फोन का होने के कारण कबीर के दिमाग मे उल्टे उल्टे ख्याल आ रहे थे जैसे की उसको वह बेहद चिपकु लगा होगा या फिर उसने अपना नंबर चेंज किया होगा ओर वह नंबर किसी को बताना नही है इसके लिए, यह सब सोचकर कबीर को सिरदर्द होने लगा थोडे समय के बाद वह अपने दिमाग को शांत करके बोला की कोई बडी बात हुई होगी इसलिए वह फोन करना भुल गई होगी या फिर उसका मोबाइल चोरी हो गया होगा यह सब सोचकर कबीर अपने मन को तसल्ली दे रहा था।

थोडे दिन ऐसे ही बीत गए, एक दिन मैने सारे दोस्तो को फोन किया ओर एक दिन छोटा सा गेट टू गेघर रखा ओर सारे दोस्त दुसरे दिन आ गए, जब वे लोग मिले पहले तो इधर उधर की बाते करने लगे उसके बाद अपने अपने छुट्टीयों की बात करने लगे पर कबीर चुपचाप था वह कुछ नही बोल रहा था तब सब लोग एक के बाद एक कबीर को पूछने लगे,

मै(विकी): क्या हुआ तुम्हें?

नितीन: छुट्टीयों मे कुछ एसा हुआ है जिसके कारण तुम अपसेट हो?

युवी:या फिर रिजल्ट की टेंशन है?

कबीर (उदास):मेरे साथ इस छुट्टीयों मे अच्छी बात भी हुई ओर बुरी बात भी।।

(सब लोगो के चहेरे गंभीर हो गए ) "सब लोगो ने एक साथ बोला क्या हुआ"!!

कबीर: मुझे प्यार हो गया है!!!

सब लोग एक साथ चौक गए ओर खुश हो गए। ।

नितीन:यह सब कैसे हुआ? ओर कब हुआ?

विवान: तुम उस लडकी से कहा मिले ?

युवी:ओर वह लडकी कोन है?

मै(विकी): क्या हम उसे जानते है?

कबीर (सब लोगो को शांत करके): बताता हु पर पहले सांस तो ले लो, कबीर सबको सबकुछ बता देता है,सब लोग खुशी के मारे बोलने लगे कब मिलवा रहा है उस लडकी से?

कबीर: मुझे नही पता क्योंकि वह कहा रहती है,ओर जो मोबाइल नंबर दिया था वह अभी भी बंद आ रहा है।।

विवान: मुझे लगता है कुछ तकलीफ हो गई होगी इसके लिए उसका फोन स्वीच ओफ आ रहा होगा।।

नितीन: या फिर उसने तेरे को टेंप्रेरी को नंबर दिया होंगा।

कबीर:तुम कया बकवास कर रहें हो उसको कुछ समस्या आ गई होगी इसके लिए उसका फोन बंद आ रहा होगा।

मै(विकी): तुम नकारात्मक बात मत करो वह लडकी मिल जाएगी।।

सब लोगो ने मैरी बात सुनी इसके लिए सब लोग कबीर को तसल्ली दे कर कहा वह लडकी मिल जाएगी,थोडे टाइम के बाद यह टोपीक को छोड़कर दूसरी चिजों को लेकर बात करने लगे,पर कबीर उदास हो कर साइड मे चुपचाप बैठा रहा,थोडे समय के बाद सब लोग चले गए अपने अपने घर,बस मै ओर कबीर ही बच गए थे। मै कबीर के पास गया और उस को कहा,

मै(विकी): तुम टेंशन मत तो वह लडकी मिल जाएगी;

कबीर: मुझे समझ नही आ रहा मै उसको कहा ढूंढू? ना ही मुझे उसके घर का एड्रेस पता है ओर ना ही उसके शहर का पता।

मै(विकी): आज का जमाना कितना मार्डन हो गया है फेसबुक है, ओर ट्वीटर है उसमे वह पक्का मिल जाएगी तेरे को,

कबीर: तुम सही कह रहे हो मै उसमे ट्राई करता हु। मै कबीर को हिम्मत दे कर वहा से चला गया ओर कबीर भी चला गया घर जाकर कबीर पाखी को फेसबुक मे सर्च करने लगा ओर दुसरी जगह पर भी उसको पाखी दिखी नही पर कबीर ने हार नही मानी वह उसको ढूंढता रहा,इस वाक्या को पुरे १४ साल बीत गए पर कबीर को पाखी नही मिली, इन १४ सालो मे कबीर ने सिर्फ पाखी को प्यार किया था ओर उसका इंतजार किया है,पहले कबीर ने MBA करके ओर कडी मेहनत के बाद आज कबीर एक खन्ना ऐंड कंपनी मे MD की पोस्ट मिली है वह खुश है पर पाखी की कमी बस उसको खल रही थी कबीर को इतनी बडी जगह पे जोब मिल गई है इसके लिए कबीर ने सारे दोस्तो को पार्टी दी एक बडे होटल मे ,वैसे कबीर ओर उनके दोस्तो का बोंड पहले जैसा ही है,बस ऐक ही फर्क था की सारे लोगो ने शादी कर ली थी। सारे लोग एक एक कर के होटल मे आने लगे,जब सब लोग आ गए तब सब लोगो ने बात करना चालु किया

नितीन:कैसा गया दिन सारे दोस्तो का?

विवान:मेरा मस्त बस काम ज्यादा था।

युवी:मरा भी सेम

मै(विकी):वैसे शादी के बाद लाइफ बोरिंग हो जाती है पर हम सब मे कबीर लक्की है उसकी शादी नही है वह अपनी बैचलर लाइफ जी सकता है।

कबीर (बनावटी हंसी): कोनसा enjoyment ,पाखी के बिना सब अधुरा ही है

युवी:अभी तक तुम उसको प्यार करते हो कितने साल बीत गए,पाखी भी तुम्हे भुल गई होगी,तुम भी उस लडकी को भूल जाओ।

कबीर:तुम्हे पता है मै उस लडकी को नही भूल सकता वह मेरा पहला ओर आखरी प्यार है,

विवान:अरे भाई भुल जा उस लडकी को उसके जैसी कही लडकीयां मिल जाए गी

कबीर:पर वह पाखी नही होगी ओर वह मुझे भूल गई होगी पर उस की याद मे मै तो हुना

मै(विकी): भगवान से यही मांगते है की तुम्हे तुम्हारा प्यार मिल जाए ओर इस टोपीक को यही खत्म करते है यह कहकर सब लोग दुसरी बातो मे लग गए बाद मे सब लोगों ने खाना खाया ओर सारे लोग घर चले गए दुसरे दिन कबीर की मां कबीर को कहती है की आज हमे एक फंक्शन मे जाना है तो तैयार हो जाना कबीर पूछता है कोनसा फंक्शन है कबीर की मां कहती है तेरे पापा के दोस्त के बेटे की शादी पक्की हो गई है तो छोटा सा फंक्शन रखा है तो तुम अच्छे से ओर टाइम पे तैयार हो जाना कबीर हा कहता है पर कबीर को पता ही नही होता की उसके माता पिता ओर वह एक लडकी को देखने जा रहे है उनके दोस्त के घर मे वे लोग कबीर को झूठ इसलिए बोल रहे क्योंकि जब भी शादी की बात आती वह शादी के लिए मना कर देता,वे लोग कबीर के पापा के दोस्त के घर पहुंच गए जब कबीर ने देखा यहां कोई फंक्शन जैसा लग नही रहा था उसको यह सब अजीब लगा उसको समझ ही नही आ रहा था की यह सब क्या हो रहा है इसके लिए उस ने अपनी मां को पूछा तब उसकी मां ने कहा की यहां हम तेरे लिए एक लडकी देखने के लिए आए है जब यह खबर कबीर ने सूनी उसको बहुत गुस्सा आया ओर कहा आप लोग मुझे जुठ बोल कर लेकर आए हो?तब उसकी मां ने कहा तुम ने कोई ऑप्शन ही नही छोड़ा तो मै क्या करु। प्लीज बेटा एकबार लडकी को देखलो जो तुम्हे यह लडकी पसंद नही आई तो तुम्हे कोई फोर्स नही करेगा पर यह लडकी बहुत ही काबिल है बस ऐक बार मिल ले ।यह सब सून कर कबीर को गुस्सा तो आ रहा था पर अपनी मां की खातिर वह उस लडकी से मिल लेता है, जब कबीर उस लडकी को मिलने जाता है ओर उस लडकी की सकल देखता है तो चौक जाता है वह लडकी कोई ओर नही पाखी ही होती है पाखी ओर भी ज्यादा खूबसूरत हो गई थी ,जब कबीर पाखी को देखता है तो वह खूश हो जाता है खुशी के मारे कहता है तुम पाखी होना?

पाखी:हा मै पाखी हू पर तुम मुझे कैसे जानते हो?

कबीर:तुम भूल गई हम लोग हरिद्वार मे मिले थे,

पाखी: हा हा अभी याद आया हम हरिद्वार मे मिले थे,पर कितने साल हो गए हम लोगो को मिले,

कबीर: हा बहुत साल हो गए, पर यह बताओ की तुम ही वही लडकी हो जो मुझे देखने के इधर आइ हैं

पाखी: हा,आज ही मेरे पापा बोल रहे थे की एक अच्छे लडके का रिश्ता आया है लडका बहुत ही अच्छा है इसके लिए मै यहां आइ तुम्हे देखने।

कबीर: ओहो!! तो फिलहाल मे तुम क्या करती हो?

पाखी:अभी फेशन डिझाइनर हु ओर अभी मै इन्टर्न सिप कर रही हू ६ महीने का उसके बाद खुद का बिजनेस ओर तुम?

कबीर:मैने MBA किया है ओर अभी मे खन्ना ऐंड कंपनी मे MD हु।

पाखी:नाइस

कबीर: पहले तुम यह बताओ की धर जाकर तुमने मुझे क्यो कोल नही किया?

पाखी: क्योंकि मेरा फोन चोरी हो गया था इसलिए

कबीर:ओह!वैसे अभी तक शादी क्यो नही की?

पाखी: क्योंकि कोई अच्छा लडका नही मिला इसके लिए ओर तुमने? जो अच्छे लडके आते थे, उन लोगों की अलग ही डिमांड होती थी इसलिए

कबीर: सेम मुझे भी कोई नही मिला(वह उससे जुठ बोल रहा था ),वैसे तुम्हे कैसा लडका चाहिए अपनी लाइफ मे?

पाखी:जो मुझे ओर मेरे सपनो को समझे ओर शादी के बाद मुझे अपना काम ना छुड़वाए बस,ओर तुम्हें?

कबीर: मुझे एसी लडकी चाहिए जो मुझे समझे ओर मेरे परिवार वालो को समझे सपोस वह शादी के बाद काम करना चाहती है तो वह कर सकती है पर साथ मे मेरे घर को भी संभाले बस।

पाखी:मुझे भी यही लगता है।।।।

थोडी देर बात करके वे लोग कमरे के बाहर चले जाते है ओर बाहर वे परिवार के लोग एक दुसरे से थोडी देर इधर उधर की बात करके ओर बाद मे क्या जवाब हे वह बताने का कहेके चले जाते है जब कबीर घर पहुंचता है तब उसकी मां पूछती है कैसी लगी लडकी ?तब कबीर कहता है मुझे लडकी पसंद है!! पर मां जब तक पाखी के तरफ से कोई जवाब नही आता आप किसी से बात नही करोगे यह सुनकर मां खुश हो कर कहती है की उसका जवाब हा ही आएगा ओर यह कहकर चली जाती है। तीन दिन बाद पाखी के धर से कोल आता है यह रिश्ते के लिए हा बोलने के लिए जब यह न्यूज कबीर ने सूनी पहले तो वह बहोत खुश हुआ पहले तो पर बाद मे सोचा की तीन दिन मे ऐसे ही कैसे हा बोल दी मै तो उसको पहले से पसंद करता हु इसलिए मैने हा बोला पर वह कयो हा बोली? कोई प्रॉब्लम तो नही हो गई है? यह सब सोचने के बाद कबीर कहता है अपनी मां से मुझे हा बोलने से पहले पाखी से बात करनी है तब उसकी मां बोलती है की तुम्हे तो यह लडकी पसंद थी तो अचानक यह सब क्यो? कबीर कहता हे मुझे एक डाउट है वह क्लीयर करना है इसलिए बाद में उसकी मां चली जाती है,उसके बाद वे लोग शाम को मिलते है कबीर बस यही पाखी को पुछने लिए बुलाया था की वह प्रेशर मे आकर हा तो नही बोल रही? पाखी कहती है मै प्रेशर मे आकर हा नही बोला मुझे तुम्हारी बात अच्छी लगी इसलिए ओर तुम्हारे साथ मुझे कम्फर्ट फिल हुआ इसके लिए ओर इसके लिए भी हम लोग एक दूसरे को पहले से जानते है, कबीर बोला हा वो तो है मुझे लगा की तुम अपने परिवार के दबाव मे आकर हा बोल रही हो देखो मेरा मानना यह हे की रिश्ते मे किसी तरह का समझोता नही होना चाहिए।"(यह सुनकर पाखी इमोशनल होकर बोली)"यह बात तो तुम सही कह रहे हो,पर हम दोनो का मिलना उपर वाले ने लिखा है इसके लिए हम वापस मिले।(यह सुनकर इमोशनल और एक्साइटेड होकर बोला)"कबीर बोलता है यह तो तुम सही कह रही हो।(उसके बाद वे लोग एक दुसरे को प्यार वाली स्माइल देते है ओर वे लोग ऐसे ही बात करके वे लोग एक दुसरे को बाय कहकर निकल जाते है ओर घर आकर कबीर शादी को हा कह देता है। फिर कबीर यह खुश खबर अपने दोस्तो को बताता है वे लोग खुश होकर कहते है की तेरा प्यार तूझे फाइनली मिल गया। पर शादी का मुहूर्त ६ महीने के बाद निकलता है,इन ६ महीनो मे कबीर पाखी का बहुत ख्याल रखता है उसको उसके काम मे भी मदद करता है,साथ मे घुमना फिरना ओर कबीर हर महीने उसको एक सरप्राइज गिफ्ट देता था यह छोटी छोटी चीजों के कारण पाखी भी उससे प्यार करने लगी थी,कबीर ने सोचा," मै शादी से पहले पाखी को बताना चाहता हु की मै उससे पहले से प्यार करता हु पर कैसे बताउ? कुछ देर सोचने के बाद वह उसके दिमाग मे एक ख्याल आता है की वह उनके संगीत के दिन ही बताएगा उसने सोचा की," मै पहले संगीत मे मै एक परफोर्मेंस के साथ उसको बता दुंगा की मै उसको १४ साल से प्यार करता हू ओर वह मैरी लाइफ है ओर वह मेरा सोलो परफोर्मेंस होगा। कुछ समय यह सोचने के बाद कबीर ने यह सब प्लानिंग अपने दोस्तो बताईं तब सब लोग बोले यह प्लान मस्त है।उसके बाद कबीर रोज डांस की प्रेक्टिस करने लगा पाखी के सरप्राइज़ के लिए, ओर देखते ही देखते शादी के दिन नजदीक आने लगे ओर सारी शादी की रस्मे चालू हो गई संगीत का दिन भी आ गया ओर शाम को संगीत के फंक्शन की शुरुआत हो गई,पहले मेहमान आए उसके बाद पाखी ओर कबीर की एंट्री हूई बाद मे सारे लोग अपनी अपनी जगह मे जाके बैठ गए पाखी ओर कबीर भी आकर बैठ जाते हे थोडे समय के बाद एक होस्ट आता है ओर उसने कहा की आपके फैमिली मेम्बर ने आपके लिए कुछ सरप्राइज प्लान किया है उसके बाद सारे लोगो की परफॉर्मेंस चालु हो जाती है, जब सारे परिवार वालो की परफॉर्मेंस चालु हो जाती है तब होस्ट बोलता है "आज किसी ने पाखी मैम के लिए एक स्पेशियल सरप्राइज प्लान किया है" (जब होस्ट यह कहकर चुप हो जाता है तब अचानक सारे होल की लाइट बंद हो जाती है,ओर अचानक स्टेज से कोई पाखी का नाम बोलता है वह ओर कोई नही कबीर होता है,पहले वह सोलो परफॉर्मेंस करता है मैने प्यार किया के सोंग पे और बाद मे कबीर पाखी को कहता है" मै तुम्हे कुछ बताना चाहता हु मेरा मतलब मै तुम्हे कुछ कन्फेस करना चाहता हु पर इसके लिए लिए तुम्हे स्टेज पर आना होगा।" (पहले तो पाखी चौंक जाती है बाद मे वह स्टेज पर चली जाती है जब वह स्टेज पर पहुंच जाती है तब उसके उपर गुलाब के फूल की बारिश होती है यह सब देखकर पाखी खुश हो जाती है जहा पाखी खडी होती है वहां कबीर उसके सामने घुटनें पर बैठकर ओर अपने हाथ पर रिंग पकड़कर बोलता है)"मैं तुम्हे कुछ एसा बताना चाहता हुं की तुमने कभी सोचा नही होगा मै तुम्हे अभी से प्यार नही करने लगा हु तुम मेरे १४ साल पहले से प्यार करता हुं जब मैने तुम्हे पहली बार देखा तब से मै तुम्हे पसंद करने लगा था ओर तुम से बात करते करते मै तुमसे कब प्यार करने लगा मुझे पता ही नहीं चला। वैसे तुम हो ही इतनी प्यारी की मैं खुद को तुमसे प्यार करने के लिए रोक ही नहीं पाया पर उसके बाद तुम मुझ से बहुत दूर चलीं गईं ओर बहोत इंतजार के बाद भगवान ने मुझे मेरे प्यार मेरे ज़िंदगी से मिलवा दिया।"

(जब यह सब पाखी सुनती है पहले खुशी के मारे चौंक जाती है ओर बाद मे हा बोल देती है ओर कबीर उसको रिंग पहना देता है बादमें पाखी कहती है जब मैने पुछा था तुम्हे तब तुमने जुठ बोला था की कोई तुम्हे मिला नही क्योंकि तूम मेरा इन्तज़ार कर रहे थे, तब कबीर शरमा जाता है !!बाद वे लोग कपल डांस करते है ओर उसके बाद कबीर पाखी को गले लगा देता है,तब पाखी कबीर को कहती है तुमने मुझे यह सब पहले क्यों नही बताया तब कबीर कहता है मैं तुम्हे सरप्राइज देना चाहता था इसलिए यह सब सून कर पाखी बहुत इमोशनल हो जाती है ओर कबीर को गले लगा देती है। फिर वे दोनों प्यारी सी लिप किस करते हैं जिससे उनका प्यार और भी ज़्यादा गहरा दिखाई देता है।"

दुसरे दिन वे लोग शादी के पवित्र बंधन मे बंध जाते है।।।।।

फाइनली कबीर को उसका प्यार मिल गया।।।।।।।।।।।

कहते हैं ना जब प्यार सच्चा होता है तब उपर वाला आपकों खुद आपके प्यार से मिलवा देता है। हां पहले वह थोड़ा तड़पाते हैं पर बाद में आपकों अपका प्यार दो गुनी खुशी के साथ मिलवा देता है।तो अपने सच्चे प्यार पर भरोसा रखें और उपर वाले पर भी।।

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