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प्रस्तावना:-

भारतवर्ष को पहले सोने की चिड़ियां के नाम से जाना जाता था, यह देश सुख और समृद्धि से पूर्ण एक विकसित एवं साधन संपन्न देश था। समय के साथ में इसमें अनेक परिवर्तन आएं एवं सोनी की चिड़ियां कहें जाने वाले देश के पंख नोच लिए गए। चाहे मुगलों का शासन हो या अंग्रेजों की गुलामी, हर तरफ से इस साधन संपन्न देश की, संपन्नता को छीन लिया गया। सक्षम देश को, एक गरीब और आर्थिक रूप से अक्षम देश की श्रेणी में ला खड़ा किया।

स्वदेशी सामान से तात्पर्य:- 

एसी वस्तुएं एवं सामान से हैं, जिनका निर्माण अपने ही देश में अपने ही देश की सामग्री से हुआ है, इसे बनाने वाले हमारे ही देश के कारीगर एवं मजदूर होते हैं जो लागत मूल्य पर हमें अच्छी गुणवत्ता वाला सामान उपलब्ध कराते हैं। स्वदेशी समान खरीदने से फायदा हमें और हमारे देश को ही है। क्योंकि इससे हमारा देश संपन्न होता है, उसकी साख मजबूत होती है, आर्थिक रुप से संपन्न देश प्रगति के मार्ग पर अग्रसर होता है। और अपना पैसा अपने देश में होकर दूसरे कामों, में उन्नति के लिए उपयोग में लाया जाता है। जो देश जितना आर्थिक रुप से संपन्न होता है, वह उतना ही विकासशील देशों की गिनती में आता है। इसलिए हमेशा हमें स्वनिर्मित, स्वदेशी सामानों का ही क्रय करना चाहिए।

निष्कर्ष:-

सुबह से लेकर रात को सोने तक, हम अनेकों वस्तुओं का उपयोग करते हैं।हमारा उनके बिना काम भी नहीं चलता है हम चीजों पर निर्भर है।मजदूर से लेकर एक संपन्न व्यक्ति सभी लोग, वस्तुओं को जो हमारे उपयोग की है, घर लाना चाहता है, एक साधन संपन्न व्यक्ति, महंगा ब्रांडेड सामन खरीदने की कोशिश करता है। ब्रांड की चक्कर में फस के वह दुगना, तिगुना मूृल्य चूकाताहै। वही सामान्य वर्ग का व्यक्ति ,कम पैसे में अधिक समान खरीदने की कोशिश करता है। इसलिए वह चाइनीस अर्थात चीन के माल को खरीदता है जो कि कम मूल्य में बाजार में उपलब्ध हो जाते हैं। समान की कोई गारंटी तो नहीं होती, लेकिन वह हमारी सुख सुविधाओं को पूरा करने के लिए काफी होता है। नतीजा सामने है - हम सस्ते माल के चक्कर में, घटिया क्वालिटी की चीजें घर में लाते हैं। स्वदेशी, स्वनिर्मित चीजों की अवहेलना करते हैं।

निवेदन:- 

आप सुधरें जग सुधरा, यहां इस कथन से मेरा तात्पर्य है,कि हम अपने घर, से अपने परिवार से, अपने समाज से, ही स्वदेशी अपनाएं एवं ओरो को भी इस के लिए प्रेरित करें। तो आओ हम सब स्वदेशी अपनाऐं देश बचाएं। भारत को समृद्ध बनाएं।

जय हिन्द,जय भारत।

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