निर्वाचन आयोग ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है। जिसके बाद से सभी राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है। यूपी में सात चरणों में लोकसभा के चुनाव होनें हैं, ऐसा कहा जाता है कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होते हुए जाता है, मतलब जो भी पार्टी प्रदेश में सबसे ज्यादा सीटें अपने नाम करती हैं, वही पार्टी दिल्ली में सरकार बनाती है। इसी को देखते हुए हर बार की तरह इस बार भी पार्टियां यूपी में पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार में लग गई हैं। इस बार का मुकाबला NDA और I.N.D.I.A के बीच होना है। विपक्षी दलों ने एक साथ आकर I.N.D.I.A गठबंधन बनाकर बीजेपी के सामने चुनोती पैश करने की कोशिश की है, वहीं उसके उलट पीएम मोदी ने इस बार 400 के पार का नारा देकर NDA की जीत का विश्वास दिलाया है।

लोकसभा चुनाव पूरा 7 फेज में होना है, जिसमें पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को होगी। देशभर में इलेक्शन की प्रक्रिया 43 दिन तक चलेगी। जबकि 4 जून को नई सरकार का ऐलान हो जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग होगी, जबकि दूसरा चरण 26 अप्रैल, तीसरा 7 मई, चौथा चरण 13 मई, पांचवां फेज 20 मई, छठवां फेज 25 मई और सातवें चरण का मतदान 1 जून को होगा। वोटों की गिनती 4 जून को होगी।

वहीं अगर हम 2019 के लोकसभा परिणामों की बात करें तो कुल 80 सीटों में से बीजेपी को 62, अपना दल को 2, कांग्रेस को एक, बसपा को 10 और सपा को 5 सीटों पर जीत मिली थी। बाद में 3 जगहों पर उपचुनाव हुए। इसमें रामपुर और आजमगढ़ में बीजेपी ने कब्जा कर सपा को तगड़ा झटका दिया। वहीं मैनपुरी से जीतकर डिंपल यादव ने सपा की लाज बचा ली थी।

वरुण गांधी का कटा टिकट

लगातार पार्टी के विचारों के खिलाफ बोलना वरुण गांधी को मंहगा पढ़ गया है, पार्टी हाईकमान ने पीलीभीत के मौजूदा सांसद वरुण गांधी का टिकट काटकर सभी को चौंका दिया है। उनकी जगह इस बार योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को मैदान में उतारा है। भले ही पार्टी ने बेटे पर भरोसा न दिखाया हो, पर मां मेनका गांधी पर पुरा भरोसा जताते हुए उन्हें सुलतानपुर से एक बार फिर से प्रत्याशी बनाया है। टिकट न मिलने के बाद से कांग्रेस की नजरें वरुण गांधी पर हैं, इसी के चलते अधीर रंजन चौधरी ने उन्हें कांग्रेस में शामिल होना का खुला ऑफर दिया है।

बता दें कि पीलीभीत लोकसभा सीट पर शुरुआत से ही बीजेपी की मजबूत पकड़ रही है, अगर हम यहां के इतिहास की बात करें तो 1990 के बाद पीलीभीत लोकसभा सीट पर बीजेपी का ज्यादातर कब्जा रहा है। 1952 के चुनाव में यहां से कांग्रेस ने जीत से शुरुआत की थी, लेकिन वह अब तक महज 4 बार ही चुनाव में जीत सकी है। 1991 में बीजेपी के परशुराम गंगवार इस सीट से सांसद बने थे और पार्टी का खाता खुला था। इसके बाद 1996 में जनता दल के टिकट पर मेनका गांधी फिर से सांसद चुनी गईं। 1998 और 1999 में वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनी गईं, बाद में वह बीजेपी में आ गईं और 2004 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतीं।

देवरानी-जेठानी होगीं चुनावी मैदान में आमने-सामने!

इस बार के लोकसभा चुनावों में यादव परिवार की बहुएं भी चुनाव मैदान में उतर सकती हैं। मुलायम सिंह यादव की बड़ी बहू और अखिलेश यादव की धर्म पत्नि डिंपल यादव मैनपुरी सीट से चुनाव मैदान में हैं। वहीं दूसरी तरफ मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को भी बीजेपी से टिकट मिलने की चर्चा है।

अगर हम अखिलेश यादव की पत्नि डिंपल यादव की बात करें तो वो इस बार भी मैनपुरी से चुनाव लड़ रही हैं, ससुर मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद यहां से उपचुनाव जीतकर डिंपल सासंद बनी। पार्टी ने इस बार भी उन्हें मैनपुरी से टिकट दिया है। मैनपुरी हमेशा से ही सपा का मजबूत किले में से एक रहा है। इसी के चलते इस बार भी ये सीट सपा के पाले में ही जाते हुई दिख रही है।

वहीं अगर हम मुलायम सिंह यादव की छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव की बात करें तो दोनों ही बीजेपी के सदस्य हैं, यादव परिवार की बहू होने की वजह से ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी हाईकमान उनको मैनपुरी सीट से टिकट दे सकती है, और अगर ऐसा हुआ तो मैनपुरी की चुनावी लड़ाई बहुत ही रोमांचक हो जाएगी। मुलायम सिंह यादव की दोनों दोनों बहुएं आमने-सामने होंगी जिसके चलते वोट प्रतिशत में भी असर देखने को मिलेगा। जोकि अखिलेश यादव और डिंपल यादव दोनों के लिए ही चिंता का विषय है।

इस बार के लोकसभा चुनाव हर बार से थोड़े से अलग हैं क्योंकि इस बार लगभग पूरा विपक्ष एक साथ होने का दावा कर रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी प्रधानमंत्री मोदी के लीडरशिप में इस बार 400 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रही है। विपक्ष जहां एक तरफ पीएम मोदी को तानाशाह बताकर जनता को अपनी तरफ करने की कोशिश कर रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ I.N.D.I.A गठबंधन में पीएम के चहेरे के सवाल पर विपक्ष का जवाब न दे पाना जी का जंजाल बना हुआ है।

फिलहाल ये देखना दिलचस्प होगा कि पीएम मोदी के 400 पार वाले नारे पर बीजेपी खरी उतरती है, या फिर I.N.D.I.A गठबंधन बीजेपी के 400 पार वाले नारे पर पानी फेरेगा...

इस प्रकार से यूपी की 80 सीटों पर होगें मतदान -

  • पहला चरण (19 अप्रैल) में आठ सीट पर मतदान: (सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत)
  • दूसरा चरण (26 अप्रैल) में आठ सीट पर मतदान: (अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा)
  • तीसरा चरण (सात मई) में दस सीट पर मतदान: (संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला, बरेली)
  • चौथा चरण (13 मई) में 13 सीट पर मतदान: (शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, धौरहरा, सीतापुर, हरदोई, मिश्रिख, उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर, बहराइच)
  • पांचवें चरण (20 मई) में 14 सीट पर मतदान (मोहनलाल गंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशाम्बी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज, गोंडा)
  • छठवें चरण (25 मई) में 14 सीट पर मतदान: (सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डोमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर, भदोही)
  • सातवें चरण (एक जून) में 13 सीटों पर मतदान: (महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, रोबर्ट्सगंज)

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References:

  • https://www.zeebiz.com/
  • https://www.abplive.com/
  • https://www.aajtak.in/

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