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पटाखे से करते हम आतिशबाजी

हवा भी नहीं रहती जिससे ताजी
पटाखे जलाने की न करो जल्दबाजी
कई बार लग जाती जान की बाजी।

पटाखे फोड़ना नहीं है कोई भूषण
हमेशा होता है उससे प्रदूषण
पटाखे से दमा,अस्थमा होने के है लक्षण
परिणाम हो सकते है भीषण।

जन्मदिन ,पार्टी या हो कोई शादी
पटाखे की होती बहोत बर्बादी
दिवाली पर होती है पटाखो की आजादी
परेशान होती है नानी और दादी।

पटाखे के जगह कीजिये रोशनाई
बजाओ उसके साथ शहनाई
कानों को मधुर आवाज देगी सुनाई
पटाखो जलाने की करो मनाई।

पर्यावरण है सबकी जिम्मेदारी
पटाखे की ना करो खरीददारी
पटाखे नहीं है जीवन मे हितकारी
हवा और ध्वनि प्रदूषण के लिए दिखाये समझदारी।

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