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भगवान ने दी अनमोल जिंदगी
जी रहे है, नहीं है कोई नाराजगी।
जीवन भर चाहिये थी हर चीज रंगबिरंगी
अभी चाहते जीवन मे हो सादगी |

शुक्र है जीवनसाथी की है मोजूदगीवरना कैसे करते हंसी-मजाक और दिल्लगी।

जीवन मे सबकुछ किया है हासिल
अनुभव के साथ, जीवन नहीं लगा मुश्किल।
करना है पार अब हमे नई मंजिल
नये अफ़साने से चेहरा जाता है खिल।
दोस्तों के साथ होती है गपशप की महफ़िल
चाहते है परिवार रहे हमेशा जीवन मे शामिल।
जीवन भर करते रहे हम काम
परिवार और समाज मे कमाया है बहोत नाम।
कभी कभी छूट जाता था करना व्यायाम
अभी रोज करते है हम प्राणायाम।
अब फुरसत है तो देखने जाना है चारों धाम
चरण छू कर, ईश्वर को करना चाहते है प्रणाम।
ये जिंदगी मिली है हमे मुफ़्त
काम के वजह से परिवार से हुए थे विलुप्त।
जीवन भर उठाया हर चीज का लूफ़्त
फिर भी नहीं हुआ है मन तृप्त।
सबसे विनंती है, करे दान और रखे उसे गुप्त
नई अभिलाषा है, जीवन के होने से पहले लुप्त।

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