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सूरज से मिलती है दिन मे हमे रोशनी
विज्ञान से मिली रात मे हमे रोशनी
सोचिये क्या होगा, अगर एक दिन ना मिले हमे रोशनी
चलो विज्ञान और नेत्रदान से दिखाते है नेत्रहीन को रोशनी ।

नेत्रहीन को भी रोशनी का है अधिकार
नेत्र से मिटेगा उनके जीवन का अंधकार
मिलेंगा किसिको रोशनी का उपहार
कर सकते किसीके के सपने को साकार ।

कैसा होगा अगर जीवन मे रहेंगा सिर्फ रंग काला
सोचिये नेत्रहीन ने कैसे जीवन को है संभाला
इसलिये चलो उनके जीवन मे भर दे हम उजाला
मरणोपरांत नेत्रदान करके, करना चाहिये किसीका भला ।

नजर नहीं है, फिर भी जीने का होता है जिगर
बना सकते हम नेत्रहीन को आत्मनिर्भर
नेत्रदान से नहीं होगा मरने के बाद हम पर कोई असर
पर हमारी दो आँखें बन सकती किसिकी नजर ।

नेत्रहीन को दृष्टि मिलना है वैद्यकीय आविष्कार
उनके लिये नेत्र होते है जीवन मे आया हुआ चमत्कार
दान करने वालों परिवार का भी होना चाहिये सत्कार
श्रेष्ठदान कीजिये और बनिये किसीका आधार ।   

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