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मस्त हवा हूँ, बसंती हवा हूँ
बाबली हूँ
उन्मुक्त हूँ
बेफिकर हूँ
मस्ती से भरा हूँ
बसंती हवा हूँ
जहाँ जी चाहे जाता हूँ
पहाड़ों और खेतों में घूमने वाली
बसंती हवा हूँ
जिधर जी चाहे घूमता हूँ
मुसाफिर हूँ ऐसा
न घर
न किसी की आशा
न प्रेमी
न दुश्मन
जहाँ चाहूं वहाँ जाता हूँ
बसंती हवा हूँ
खिलखिलाती खुशबू से महकती
आसमान से उतरती
सुकून और शांति का अहसास कराती
बसंती हवा हूँ।

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