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आज आया, एक विचार,
देखे क्या है, समाचार।
कहीं हैं बम फटा, कही बढ़ा आतंकवाद.
कही राजनीति संग्राम, तो, कही हुआ है विवाद!
खबर! खुशियों की भीं आई,
किसी अभिनेता की, अभी हुई सगाई।
दहशत का, असली राज,
खबरो का साज।
दूर गांव में, कोई हैं खोया,
हमने उसको, इस शहर में पाया।
इस समाचार के,आचार ने,
बदले कई, रूढ़ी विचार।
चचा, मामा और पापा भी पढ़ते,
देश और दुनिया की,खबर रखते।
खेल, शिक्षा, चाहे हो व्यापार,
कला, विज्ञान, मौसम का हाल है सार।
ज्योतिष का जादू, विज्ञापन की छाप,
तकनीक का तर्कश हो, या ज्ञान पाना चाहे आप।
सबका हैं एक उपाय, खबरों का सत्र,
आपका, हमारा, बस एक समाचारपत्र।
पढ़ लो किताबे, पढ़ो पत्रिका,
पर, सनसनी खबरों का वार।
महंगाई की मार, गरीब लाचार,
बच्चे कही बीमार, युवा बेरोजगार।
महिला की सुरक्षा, वृद्धों का मुफ्त उपचार,
कही चुनाव का ज़ोर से, हो रहा प्रचार।
एंप्लॉय की, जा रही जान,
हुआ कॉरपोरेट लाइफ से परेशान।
अर्थव्यवस्था की, असली व्यवस्था,
फिर, किसी भ्रष्टाचार की सत्ता!
सुप्रीम कोर्ट का, क्या है न्याय?
जनता की, क्या है राय?
सभ्यता का सच, सामने लाकर,
करते हैं, हम सच को उजागर।
ढोंगी बाबाओं पर, दे टिप्पणी,
बजा दे, उनको भी पीपुड़ी।
ये कहानी, किस्सा या कोई राज़ नही,
ये सच से भरा, खबरों का राज़ है।