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आज बरोजगारी का रेट भले 6.8 प्रतिसत है लेकिन , 29% युवाओं आज के समय में बरोजगार है वो भी पढ़े लिखे सब कुछ होते हुए भी आज उनको नोकरी नहीं मिल रही है ?

और ये विषय सच में चिंता का विषय है !

भारत में 29% पढ़े लिखे युवा बैरोजगार है ?

भारत का पॉपुलेशन देखा जाए तो 140 करोड़ के आस पास का है ऐसे में 95% लोग नौकरी लेने वाले है , ओर 5% ही लोग नौकरी देने वाले है ।

इसमें कोई भी गवर्मेंट कुछ भी नहीं कर सकती क्यों की इसका कारण स्वयं युवाए खुद है क्यों की जब नौकरी देने वाले ही कम होंगे तो रोजगार कैसे तैयार होगा ?

चाहे गवर्नमेंट नौकरी हो या प्राइवेट नौकरी हो ,मार्केट में नोकरी की तंगी है क्यों की सब इंसान ही नोकरी लेने वाले हो जाए तो देने वाला कोन होगा ?

आज के समय में हर युवाओं को पूछे की क्या करना है आगे ?

तब वो कहते है की मुझे , ये पढ़ना है उसके बाद नोकरी करनी है ?

आज के युवाओं के अंदर सपने देखने की कमी पाई गई है क्यों की ज्यादातर युवाए ये ही कहते हैं की मुझे तो पढ़ने के क्षेत्र में आगे बढ़ना है।

भला उसमे उसकी रुचि हो या ना हो उसको आगे बढ़ना है ।

अगर सर्वे हो की जो आगे की पढ़ाई कर रहे है उनको सच में पढ़ाई में रुचि है की नहीं?

तब 60% लोगो की रुचि कुछ और होगी , पढ़ाई के क्षेत्र में जिनको वाकई में रुचि है उनके लिए चिंता का विषय है ?

क्यों की जिसको पढ़ाई में रुचि हो अगर उनको ही , कोई नोकरी ना मिले तो ये तो नाइंसाफी होगी !

में तो कहेति ही हु सर्वे होना ही चाहिए ताकि इस तकलीफ से समाधान मिल सके ।

अगर सब कोई नोकरी लेने वाले हो जाए तो देने वाले का क्या होगा कभी आपने सोचा है ?

अगर महेंगाइ की दर बढ़ने ही लगे तब , शिक्षा के क्षेत्र में

बोहोत बड़ा नुक्शान मिल सकता है क्यों की मार्केट में कोई नोकरी है ही नहीं ,

ज्यादातर युवाए का मकशद सिर्फ नोकरी ही है।

इसीलिए शिक्षित होना अच्छी बात है लेकिन शिक्षा का मकशद अगर नोकरी हो तो समाज में मालिक तो कभी बनेंगे ही नहीं।

इसीलिए शिक्षा शिक्षित होने के लिए है ना की गलत सोच को बढ़ाने के लिए है ?

हर व्यक्ति चाहे जितना पढ़ सकता है लेकिन उनका मकशद नौकरी बिलकुल नहीं होना चाहिए।

क्यों की आज के समय में 10,000 से 20000, की नोकरी में इंसान का खाली घर चल सकता है इससे ज्यादा कुछ भी नहीं हो सकता है ।

अगर भगवान ना करे कोई इमरजेंसी आ जाए तब , हॉस्पिटल के खर्च के लिए हजार नहीं लाखो रुपए की जरूरत पड़ जाती है।

, उस समय यदि पैसा ना हो तो , बोहोत बुरी परिस्थिति से इंसान को गुजरना पड़ सकता है यहा तक , स्कूल , कॉलेज सभी के खर्चे बोहोत ही बढ़ रहे है ।

ऐसे में हर युवाओं को अपनी जिंदगी में अपनी खूबी से आगे बढ़ना चाहिए ,

महेंगाईं कम होगी इसकी कोई भी गारंटी नहीं है , लेकिन...

बारोजगारी का हल एक ही है ,ओर वो है हर युवाओं को अपने अंदर की खूबी के लिए काम करना चाहिए।

ओर आज का जमाना डिग्री का नहीं है स्किल्स का है,

इसीलिए युवाओं के अंदर जिस भी खूबी में रुचि है उसको बस बहार निकालना है और कुछ भी नहीं करना है।

जब उस खूबी बाहर निकलेगी तब युवाओं को अपने लक्ष्य के बारे में पता चलेगा वो दिन रात उस लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करे तो वो अपनी जिंदगी में कही उच्चाई तक आगे जाएंगे ।

आज के समय में तो इंटरनेट है , कितनी बड़ी सुविधा मिली है हमें और हम है सारा दिन उसमे समय देते है लेकिन उपयोग के लिए नहीं दुरुपयोग के लिए करते है।

आज जिस भी व्यक्ति के अंदर जो भी खूबी है , वो खूबी अगर बाहर निकल जाए और उस खूबी को सोशल मीडिया प्लेटफार्म में उपयोग करे तो वो इंसान क्या कभी बरोजगार रहेगा।

कोई बात नहीं आप को नोकरी नहीं मिल रही में तो कहु।

आप के अंदर कोई तो काबिलियत होगी, आप बस आगे बढ़ीए।

प्रभु पर विश्वास किजिए आप को आगे का रास्ता जरूर मिलेगा ।

कही युवाए बारोजगारी की समस्याओं से आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठा लेते है जिससे, पूरे परिवार वालो को दुख से गुजरना पड़ता है।

बारोजगारी से आत्महत्या की रेट 60% से ज्यादा की है।

ऐसे में हर युवाओं के अंदर जो जोश होना चाहिए , जिंदगी में कुछ करने का कुछ बनने का वो जुनून आज के समय में नजर बिलकुल भी नहीं आ रहा है !

पिछले वर्ष में, 74% लोगो ने तनाव मेहसूस किया है और , इसका हल निकालने में असमर्थ रहे है।

ऐसे में तनाव का एक ही मात्र कारण है और वो कारण है।

इंसान की नकरात्मक सोच क्यों की नकरात्मक सोच से ही इंसान के अंदर , उतैजना बढ़ने लगती है जिससे इंसान तनाव का शिकार हो जाता है ।

तनाव के कारण ही लोगो के अंदर आत्मविश्वास की कमी होने लगती है।

ओर कोई भी युवा अपनी जिंदगी में आत्महत्या जैसा कठोर कदम लेंगे ही नहीं जब वो सक्रात्मक सोच से अपनी जिंदगी जिएंगे ।

इसीलिए यदि हर इंसान सक्रात्मक सोच को अपनी जिंदगी में अपनाए तब तो कोई भी युवा के अंदर जुनून की कमी नहीं होगी।

हर युवाओं के अंदर आगे बढ़ने की आग पैदा होगी जिससे इंसान अपनी जिंदगी में जहा पोहोचना चाहता है वहा वो आसानी से पोहोच सकता है।

अगर वो नोकरी देने वाला बने तो ओरो के लिए प्रेरणा स्तोत्र बन जाएंगे ऐसा तब भी होगा उनके अंदर जब कुछ करने की कुछ बनने की आग , पनपने लगे तो वो अपनी जिंदगी में कही उच्चाई तक आगे जाएंगे इसकी कोई भी लिमिट नहीं है ।

बैरोजगारी की समस्या का हल , आसानी से मिल जाएगा।

कोई भी युवा बरोजगार नहीं रहेंगे,

देश में गरीबी नहीं बढ़ेगी , देश शक्तिशाली होगा और ये कब होगा जब नोकरी लेने वाले से ज्यादा नोकरी देने वाले लोग बढ़ेंगे।

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