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क्या लिखूं उसके लिए जिसने मुझे जन्म दिया है
रोती है जब जब परेशान होती हूं।
काश मेरी किस्मत की लकीर 
मेरी माँ के हाथ में होती
तो शायद कभी दुख न होते।
आपके गुस्सा करने से प्यार तक का सफर
वो जिंदगी को सही से जीने तक का सफर
रिश्ते सही से निभाने तक का सफर
वो किचन से घर संभालने तक का सफर
अच्छे से मुझे सीखाया है।
जब थे आप बीमार ये दिल ज़ोर ज़ोर से
धड़का है क्या होगा अगले पल ये सोच सोच घबराया है।
अलग अलग नामों से मुझे हमेशा वो बुलाती हैं
एक दिन भी न बुलाए तो दिल बड़ा दुखता है।
वो मां ही तो है जिसे बस अलग अलग नामों से
अलग अलग तरीकों से प्यार जताना आता है।।

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