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विमला अपनी बहू " काजल पर चिल्ला रही थी " , क्योंकि आज " काजल को उठने में देर हो गई । उसने सुबह चार बजे का अलार्म" लगाया था , लेकिन ! पता नहीं क्यों उसकी नींद नहीं खुल पाई , शायद उसकी कुछ तबीयत खराब थी ।

विमला जी उठीं , और किचन में काजल को ना देख कर बड़बड़ाने लगी ।

काजल के कमरे में जाकर बोलीं , महारानी के सोने का टाइम है ?

चाय वाय मिलेगा या नहीं ? हमारे घर यह सब नहीं चलेगा । घर की बहू सुबह चार बजे उठ जाती हैं , हम अगर इतनी देर तक सोते तो , हमारी सास घर से बाहर निकाल देती । काजल हड़बड़ा कर उठी , घड़ी की तरफ देखा तो आठ बज रहे थे ।

वह जल्दी से उठी और फ्रेश होने चली गई । फ्रेश होकर उसने जल्दी-जल्दी सारा काम निपटाया ।

और फिर वह दवा खा कर आराम करने चली गई , उसे कोई पूछने वाला नहीं था। तुमने कुछ खाया या नहीं। पति अमित भी मां की ही बात मानता था।

तभी उसकी नन्द रीना का फोन आ गया , विमला जी रीना से बात करने लगी। जब रीना ने काजल के बारे में पूछा, तो वह काजल की शिकायतों का पिटारा लेकर बैठ गईं।

काजल ने कहा मां आप उसे प्यार दो सब कुछ सही हो जाएगा। अभी वह बच्ची है उसकी उम्र ही कितनी है। अभी नईं नईं आई है , धीरे धीरे एर्जेस्ट कर लेगी।

बस आप उसे प्यार से समझाओ मेरी तरह, जैसा आप मुझे समझाती है ।

विमला जी खींझकर बोलीं अब तू भी उसकी तरफदारी करेगी । बहुओं को इतनी देर तक नहीं सोना चाहिए।

रीना ने कहा! मैं भी सोती थी "आप मुझे कुछ नहीं कहती थी।" विमला जी ने कहा तू तो बेटी थी, वह बहू है"।

अपनी मां का यह दोहरा व्यवहार देखकर, रीना बहुत दुखी हुई।

उसने मां को सही रास्ते पर लाने का कदम उठाया, और अपनी भाभी के पास फोन किया,

हेलो भाभी कैसी हो?

मैं ठीक हूं दीदी!! आप कैसी हैं?

मैं ठीक हूं भाभी !!आपकी आवाज में क्या हुआ? आपकी तबीयत खराब है क्या?

हां दीदी वो थोड़ा सा बुखार था, दवा लेकर आराम कर रही हूं अभी।

ठीक है भाभी !!आप आराम करिए, मैं कल आपसे मिलती हूं।

जैसा की आप लोगों ने पहले भाग में पढ़ा, रीना ने अपनी मां को सही रास्ता दिखाने का फैसला लिया है"।

आइए इस भाग में देखते हैं, वह अपनी मां को! सही रास्ते पर कैसे लाएगी"।

दूसरे दिन रीना मायके पहुंच गयी , वह मां का हाल चाल पूछने के बाद! सीधा "काजल के कमरे में चली गई । भाभी का हालचाल पूछा , काजल को उस समय बहुत तेज बुखार था । तो वह किचन में आई ! और उसके लिए सूप बनाकर, उसे दवा खिलाई ।

कुछ देर बात करने के बाद" रीना ने काजल को अपना प्लान बताया , जिस पर काजल ने डरते डरते अपनी सहमति जताई "।

रीना ने"! अपने "परिवार वालों के साथ मिलकर, अपनी मां को सही रास्ते पर लाने का, "प्लान बनाया था"।

रीना" बाहर आकर! जैसे ही मां के पास बैठी, तुरंत ही ! उसकी सास का फोन आ गया । कब तक घर आओगी ? मायके में ही बैठी रहोगी, तुम्हारी ननंद यहां काम करें तुम्हारे रहते हुए ? मां भाभी से छुट्टी मिल गई हो ,तो" आकर यहां भी देख लो।

रीना जी मम्मी जी अभी आती हूं,

मम्मी मैं घर जा रही हूं , कहकर वहां से चल दिया।

यह सुनकर विमला जी को बहुत गुस्सा आया, लेकिन वह कुछ बोल नहीं पाईं"।

दूसरे दिन विमला जी ने रीना के पास फोन किया, हेलो बेटा! कैसी हो?

कल तुम्हारी सास नें कितना कुछ बोला , क्या बहु सिर्फ काम करने के लिए भी होती है।

मम्मी थोड़ी तबीयत खराब है।

डॉक्टर को दिखाया?

नहीं मम्मी, बहुत काम है टाइम ही नहीं मिला, और फिर कोई ले जाने के लिए भी तैयार नहीं है। सबको अपने अपने से मतलब है। मैं घर की बहू हूं मुझसे तो सिर्फ उम्मीदें रहती है सबकी।

ऐसा कैसे?" तू अपनी सास को फोन दे मैं बात करती हूं"।

बीमारी में भी तू काम करें? कोई हाथ नहीं बंटा सकता। और दामाद जी कहां है ?"वह तुझे डॉक्टर के पास क्यों नहीं ले गए?

आप तो जानती हैं मम्मी, जितना सासू मां कहेंगी उतना ही वो करेंगे, फिर बार-बार क्या कहना।

मम्मी आज सुबह उठने में देर हो गई , उसके लिए भी मांजी खूब सुना रही थी।

ऐसे कैसे बोल रही थी?"

कभी-कभी हो जाता है, उनको भी समझना चाहिए , बीमारी में तो नींद आ ही जाती है। वह जब बहू को बेटी मानेंगी तभी तो तू उनको मां की तरह सम्मान दे पाएगी।

सही कह रही हैं मम्मी आप।

तू फोन दे समधन जी को , मैं बात करती हूं।

आप क्या बात करोगी मम्मी, "आप भी तो वही कर रही हो भाभी के साथ।

बेचारी की कितनी तबीयत खराब थी , उसी वजह से उसको सुबह उठने में देर हो गई ,"और आपने कितना कुछ सुना दिया"।

क्या वह आपकी बेटी जैसी नहीं है? क्या आप उनको बेटी की तरह मानती हैं। कितना कुछ कहती हो मम्मी आप भाभी को, कभी पलट कर उसने कुछ कहा आपको। नहीं ना?

एक बार सोंचिए मम्मी अगर वह आपको पलट कर जवाब दे दे,या फिर भाई को लेकर अलग हो जाए तो आप क्या कर लेंगी"?

क्या बहू सिर्फ काम करने के लिए होती है। अगर हां !तो मेरी तबीयत को सुनकर आपको तकलीफ क्यों हुई?

अगर मैं आपकी बेटी हूं, तो भाभी भी किसी की बेटी है।

रही बात मेरी तबीयत की, तो !मेरी तबीयत बिल्कुल ठीक है। मेरी सासू मां आपकी तरह नहीं है। वह मुझे अपनी बेटी ही मानती हैं, यह सब मैंने अपने परिवार से मिलकर ,आपकी आंखें खोलने के लिए किया।

अभी भी समय है मम्मी, भाभी को बेटी का दर्जा दो, वह आपको मुझसे भी ज्यादा सम्मान देंगी।

मुझे माफ कर दे रीना ,आज तूने मेरी आंखें खोल दी।

तू फोन रख, मुझे अपनी बहू को लेकर" डॉक्टर के पास भी जाना है"।

काजल बेटा! मुझे माफ़ कर दे, मैं भूल गई थी कि बहू भी किसी की बेटी है। आज जब अपनी बेटी को तकलीफ़ हुई तो मुझे समझ आया।

ऐसा कहकर वह काजल को गले लगा लीं।

काजल इतनी प्यारी नन्द को , जो उसको समझने वाली है , और भगवान को मन ही मन धन्यवाद देने लगी।

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