क्या आप जानते हैं ब्रम्हांड का व्यक्ति से संबंध क्या है?
आप क्या सोचते हैं... हमें ये,ये ब्रम्हांड, ब्रम्हांड क्यों लगता है ये हमारी तरह एक शरीर हो सकता है जिस प्रकार हमारे शरीर की कोसीकाओं को हम उनके ब्रम्हांड हैं या उनके ब्रम्हांड के बराबर हैं, लेकिन हम अपने आप में एक शरीर के अलावा और कुछ भी नहीं हैं ठीक उसी प्रकार इस दुनियां में उस अन्तरिक्ष रूपी ब्रम्हांड के शरीर के अंदर निहित एक कोशिका समूह के हम कोशिका के एक गुच्छे से निर्मित विभिन्न और अनंत कोसिकाएं हैं|
अब ये विज्ञान मुझसे सबूत मांगेगा तो मैं साक्ष्य के तौर पर एक प्रश्न और उत्तर से अपनी बात का प्रमाण दूंगा|
ये विज्ञान ने कहा है खोज की है कि हमारे शरीर की हमारी कोशिकाएं पूरी पृथ्वी को 2.5बार लपेट सकती हैं तो हमने ये कभी नहीं सोचा था कि हमारे शरीर के अंदर निहित इतना बड़ा और अविश्वसनीय इकाई या जरिया मौजूद हैकैसे ये कैसे संभव है लेकीन इस बात को इसे सिद्ध तो स्वयं विज्ञान ने ही किया है... मैं खुद तो कह नहीं रहा, तो जरा सोचिए कि हम उनकी कोशिका के एक गुच्छे से निर्मित कोशिका हैं और हमारे पास हमारी अपनी कोशिका हैं तो उनके आगे तो हम अति सूक्ष्म से सूक्ष्म शरीर और हमारे शरीर की कोशिका हैं तो इनमें इतनी खूबी है तो उस ब्रम्हांड रूपी शरीर के पास कितनी अदभुत शक्तियां होंगी, कितना बड़ा ज्ञान का खजाना होगा, उन जैसे कितने, शरीर या शरीर रूपी ब्रम्हांड होंगे, हमारे जैसी कितनी सभ्यताएं इस यूनिवर्स (समग्र) में निवास कर रही होंगी|
हमने, क्या इंसान ने आज तक जो खोजा है या जिसका पता लगाया है और जो अनुमान लगाया है, जो भी कल्पनाएं की हैं, ये सब तो हमारी सोच के सौ अरब अनंत नीलों के कई गुना तिनकों के कई हिस्सों के बराबर भी नहीं है|
हम उनके बारे में क्यों सोच पाए हैं पता है हमारा दिमाग उनसे पहले से ही जुड़ा हुआ है तो हम उनसे कांटेक्ट क्यों नहीं कर पाते क्युकि हमारे पास उनकी आवृत्ति को एक सही अनुपात में नापने वाला धरती पर कोई मीटर मौजूद नहीं है बो हमसे अनंत गुना एडवांस है लेकिन अगर बो चाहे तो हमसे संपर्क कर सकते है जो हम खोजते है बो पहले से ही मोजूद है लेकिन हमसे इस बात का प्रमाण इसकी खोज के बाद ही पता चलता है पहले नहीं|
हम उनकी कोशिका के कई हिस्से हैं एक बात पर गौर करी है आपने हमारे विचार एक्से... (हिस्सो कोसिकाओं) बहुत सारे हमारे गुण एकसे क्यों हैं ?
हमारे सरीरों की संरचना महिला और पुरुष की एक सी क्यों है?
हमारा दिमाग ब्रम्हांड के रहस्यों की खोज में क्यों लगा रहता,
हमे आसमानी सफर अनोखा क्यों लगता है, हम अपनी कल्पना से परेय सूक्ष्म जीव जंतुओं के बारे में भी सोचते रह सकते थे लेकिन हम उनतक सीमित क्यों नहीं है, इन सब सवालों के जबाव आप अगर सोचोगे तो आपको स्वतः ही मिल जाएंगे |
मैं भी बता सकता हूं लेकिन आप खुद अनुभव करें तो ये आपके लिए बहुत ही अद्भुत होगा...
आपको इसकी और जानकारी मैं अपने अगले आर्टिकल में दूंगा...
लेकिन तब तक आप अपनी सोच रूपी अन्तरिक्ष यान से इस अनंत ब्रम्हांड में गोते लगाते रहिए|
आप मनुष्य हैं यही आपके लिए एक अद्भुत बात है आप क्या क्या कर सकते हैं ये तो आपको मैं खुद भी नहीं बता सकता ना ही कोई और,
क्योंकि आप इस संसार की एक दिव्य शक्ति हैं आप कुछ भी कर सकते हैं, आपको किसी मोटिवेसन की जरूरत नहीं है आप खुद ही एक सुपर मोटिवेशन हैं...
आपकी परिस्तिथियां चाहे जो भी हों आप हमेशा सकारात्मकता रखिए आप जो चाहते हैं वो आपको जरूर मिलेगा, रास्ता है आपका मन, इस मन रूपी तोते को अपने विचारों के आसमान में उड़ने दीजिए, उड़ाते रहिए...
खो जाइए, आप क्या हैं कोन हैं, यहां क्यों आए हैं...
इन सवालों के जबाव भी आपको खुद से पूछने होंगे एकाग्रचित होकर और आपको खुद से ही मिलेंगे...
आशा करता हूं हम फिर मिलेंगे, स्वस्थ रहिए आध्यात्मिकता की ओर हमेशा तत्पर और अग्रसर रहिए।
इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं।