बंद है दरवाजा इंतजार कर।
कभी तो खुलेगा एतबार कर।
दर्शन हो सकते हैं एक दिन।
मन को न अभी बेकरार कर।
मेहनत का फल मीठा होगा।
ठण्ड रख सब्र हर बार कर।
आस पर दुनियां कायम है।
ख्वाब देख और साकार कर।
कण कण में रब्ब व्याप्त है।
कुदरत में उसका दीदार कर।
सोहल मन में तस्वीर बना।
पूरी दुनियां का आगार कर।