जनता पी रही है जाम मिलता है।
जनता जी रही है जाम मिलता है।।
बाजार बंद है ठेका खुल रहा है।
पानी वानी नहीं जाम मिलता है।।
काम नहीं दाम नहीं खर्चे काफी है।
दाम मिलता नहीं जाम मिलता है।।
जेब खाली फिर भी मन करता है।
कोई तो ढूंढो यार जाम मिलता है।।
दिमाग खाली है पेट भी खाली है।
धाम मिलता नहीं जाम मिलता है।।
खाली दिमाग शैतान बन रहा है।
काम जगाना है जाम मिलता है।।
सड़क पे ट्रैफिक है बहुत गड्ढे हैं।
साइड नहीं मिली जाम मिलता है।।
फाटक बंद पड़ा है रेल आती नहीं।
कोई रुकता नहीं जाम मिलता है।।
पैट्रोल मंहगा बिजली झटका मारे।
कूलर चलता नहीं जाम मिलता है।।
कोरोना ने किस किस को मारा।
हिसाब करो सब इंतजाम लगता है।।
पैसा कमाया कहां लग गया सारा।
पूछ मत पूछेगा इल्जाम मिलता है।।
खरबूजा बन गई जनता बेचारी।
उस्तरे संग बंदर हज्जाम मिलता है।।
देश में जाम है जाम में देश गिरा है।
आगाज कहीं न अंजाम मिलता है।।
ठण्डा मिलता है सोडा मिलता है।
बोतल मिलती है जाम मिलता है।।
मैदान में खिलाड़ी बहुत हैं खेलते।
बाॅल मिल कर भी जाम मिलता है।।
सोहल जिंदगी में सब कुछ जाम है।
ये जाम कभी वो जाम मिलता है।।