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कुछ न कुछ तो गुनगुनाया कर यार। 
कुछ न कुछ तो गाया कर यार।
कानों में जिसकी मिठास घुल जाए। 
कुछ न कुछ तो सुनाया कर यार।
दुख में सुख की तलाश करना।
कुछ न कुछ तो सुझाया कर यार।
मन से मन की बात समझ लेना। 
कुछ न कुछ तो निभाया कर यार।
मधुर वाणी में इक सम्मोहन है।
कुछ न कुछ तो लुभाया कर यार।
दौलत ही सब कुछ नहीं होती।
कुछ न कुछ तो लुटाया कर यार।
मानवता से बड़ी सेवा नहीं कोई। 
कुछ न कुछ तो कमाया कर यार।
सोहल पांच दुष्टों का जाल बुरा।
कुछ न कुछ तो भगाया कर यार।

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