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दस्तार पहन ले सरदार बन जा।
दस्तार पहन ले किरदार बन जा।
ककार पहनकर पहचान बनाले।
प्यारे रब्ब का बरखुरदार बन जा।
सच्चाई की डगर पर बढ़ता जा।
इंसाफ का खबरदार बन जा।
राह पकड़ उस रब्ब के घर की।
तकरार छोड़ सरकार बन जा।
पालन कर कुदरती उसूलों का।
हर खुशी का हकदार बन जा।
दस्तार से बड़ा ताज नहीं कोई।
ताज पहन ले सरताज बन जा।
अपनी ताकत की पहचान कर।
सिक्ख बन असरदार बन जा
नज़्म लिख लिख दे फतेह की।
कवि बन कवि दरबार बन जा।
सोहल सब की हिफाजत कर।
कुदरत का चौकीदार बन जा।