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(Me)

“ मुझसे नहीं होगा ??
मैं नहीं कर सकता
यहां तो आग पर चलना है
मैं तो नंगे पैर घूप मैं भी नहीं चल सकता

शायद मुझमें नहीं है जो मुझे इस भीड़ से अलग कर सकता है
मुझे फिक्र नहीं लोगों की मुझे मेरी नाकामयाबी से डर लगता है ”

(My mirror)

“कोई रोक सकता है तुझे
तेरे अलावा
आग में मिल जा तु बन कर लावा
शायद तुझे पता नहीं जीतने से
पहले करना पड़ता है जीत का दावा”

गहराईयों से गहारी बाते सिखकर उजाले मे
आऊंगा,
तुम कमाना अपने आप के लिए मैं मैं अपनों के लिए कमाऊंगा
मैं देखु दिन रात नहीं क्युकी नसीब देता साथ नहीं,

अभी मेरी बाते मज़ाक मे लो गए पझताओगे जब मुझसे Ishu साल बाद मिलोगे घाका मर कर गिरा तो दो गऐ पर दुबारा उठाकर भागने से मुझे कैसे रोक लो,

एक जगह है मेरी जहां मैं अकेला बेठता हूं,
जहां बात बस खुदसे होती है

खुदकी सुनता हूं खुदसे कहता हूं
एक जगह है मेरी जहां में अकेला बेठता हूं
कभी सोचता हूं चुतिया मै हूं या मेरा नसीब है
सांस फुल जाती है भागते भागते पर रूकता नहीं
क्यूंकि मंजिल मेरी करीब है..

एक जगह है मेरी जहां मे अकेला बेठता हूं,
गुस्सा आता है रोना आता है पर सब छुपना आता है
माना खुद को समय देना जरूरी है पर बाकि किरदारो के बिना कहानी अधुरी है
"ठीक है भरोसा अब अपने आप पर कर तेरे अकेले रहने से घर को मकान कहेंगे लोग कोई नहीं कहेगा मकान को घर,,
कोई नहीं ले सकता तेरे अपनों की जगह पता है अपनों की बातें बहुत चुभती है पर ध्यान बातो से हटकर
अपने सपनों पर लगा,

अभी हस्ती लाश हो तुम जब सपने पुरे होंगे तो रोते रोते जींद हो जाना
खुद से बहुत बातें करते हो जब सपने पुरे होंगे तो दुनिया को बताना
इतना मुश्किल भी नहीं जितना तुम सोचकर रोते हो
जब सपने जाग रहें हैं तुम्हारे तो तुम चुतिये हो जो चेन से सोते हो
दूर तक भागता हूं देर तक जागता हूं
मैं चाहता क्या हूं मुझे चाहिए क्या
कब समझ आयेगा गलत क्या है सही है क्या

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