आलोक अपनी पत्नी से कहा.......

"हां- हां "बहुत अच्छे से याद है मुझे और याद नहीं भी होगा तो आप कौन से भूलने दोगे मुझे सावित्री हंसते हुए अपने पति से बोली थी!

आलोक भी अपने छोटे भाई के घर से अपनी मां को लेने चल दिया......वहां जाते ही देखा मां तो पहले ही तैयार होकर बैठक में बैठी हुई थीं!

"बेटा आ गया तू? मैं तो तेरे आने से पहले ही पैकिंग कर ली थी उसकी मां बोलीं.....

"बिल्कुल सही किया मां आपने"आपको घर पर छोड़ कर मैं भी ऑफिस निकलूंगा, आप तो जानती हीं हो मेरे पास ज्यादा समय रुकने के लिए होता कहां है, आलोक अपनी मां से बोला था!

तभी आलोक के छोटे भाई की पत्नी वहां आयी और अपनी सासू मां से बोली"मां जी आपने अपनी दवाई रख ली है ना?

नहीं तो वहां जाने के बाद फोन कर- करके हमलोगों को परेशान कर दोगी आप, और यहां किसी के पास समय नहीं है सामान पहुंचाने की इसलिए याद करके अपना सारा सामान साथ में रख लीजिए!

आलोक एक टक उसकी तरफ देखता रह गया वो तो कुछ बोल ही नहीं पाया पर मन- मन में सोच रहा था वहां पर जाकर तो इनको और ज्यादा सुनने के लिए मिलेगा!

सावित्री तो छोटी बहू से भी ज्यादा सुना देती है... ये सोच कर आलोक के आंखों में आसूं आ गए और वो मां को लेकर घर जाने के लिए वहां से निकल पड़ा था....

पर पूरे रास्ते मन ही मन वही बातें सोच रहा था की कल से मैं तो ऑफिस चला जाऊंगा और मां बेचारी घर पे रहेगी और फिर से दिन भर उनको वही ताने सुनने को मिलेंगे छोटे वाले बेटे -बहू को ज्यादा चाहतीं हैं मुझे नहीं....

"मां जी"आप बहुत जल्दी आ गईं ?हंसते हुए सावित्री ताने मारने वाले अंदाज में पूछी थी!

"तुम पहले मां के लिए चाय- पानी ले कर आओ फिर हाल- चाल पूछ लेना ये अभी छे महीने तक यहीं रहने वाली हैं, आलोक शरारत भरे लहजे में बोल था....

आलोक मीटिंग के लिए देर हो रहा था चला गया, इधर पत्नी भी अपने काम में लग गई, धीरे- धीरे शाम हो चला था आलोक की एक ही बेटी थी श्रेया वो बहुत कम ही अपने कमरे से बाहर निकलती थी.. दादी मां को आए हुए पूरे दिन निकल गया था पर वो उनके सामने तक नहीं आइ थी.... तभी उसकी मां बोली "श्रेया बेटा"सुबह से दादी मां तुम्हें बैठक में बुला रही हैं तुम मिलने भी नहीं आयि उनसे?

" यार मम्मी" आप मुझे परेशान मत किया करो, वैसे भी दादी कौन से आज ही चली जाएंगी अभी तो छे महीने झेलना पड़ेगा हमे इन्हे... श्रेया मुंह फुला कर अपनी मां से बोली!

"श्रेया बेटा अपनी दादी के लिए ऐसी बातें नहीं करते, उसकी मां समझाते हुए बोली!

"अच्छा मम्मी फिर तुम जब तक दादी यहां पर हमारे साथ रहतीं हैं तब पापा को किन्यों रोज ताने मारते रहती हो? तुम्हारी मां अब आ गईं मेरा खून पीने... शान्ति से जीने नहीं देंगी..प्यार तो छोटे बेटे बहू से करती हैं और रहने यहां आ जाती है और भी पता नहीं क्या- क्या छे महीने के लिए तो दादी आतीं हैं यहां पर शान्ति से रहने दिया करो ना आप उनको, लड़की अपनी मां से बोली ...मां मन ही मन सोच रही थी छोटी सी बच्ची कितनी बड़ी सीख दे दी मुझे....

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