आज दिल्ली में फिर बारिश हुई आज फिर मैं तुम्हारी पसंदीदा एक कप इलाइची अदरक वाली चाय और मेरी एक कप कड़क कॉफ़ी लेकर बरामदे में बैठा। और आज फिर तुम मेरे साथ नहीं थी। तीन साल हो गए, बरामदे में पड़ी दो कुर्सियां, जिसमें से एक पर तुम बैठा करती थी और दूसरे पर मैं,उनमें से आज एक कुर्सी खाली है और तुम्हारे इंतज़ार में है।
याद है जब हम बारिश के मौसम में साथ बैठा करते थे और तुम क्या करती थी ? कि "जसप्रीत! एक वादा है तुमसे, हमारी मोहब्बत मुक्कमल हो या ना हो पर हम मिलते जरूर रहेंगे। ज्यादा नहीं तो साथ बैठकर बारिश के मौसम में चाय और काफ़ी का लुत्फ़ उठा लिया करेंगे।" और फिर मैं तुम्हारी बात सुनकर मुस्कराता औऱ किसी की लिखी हुई ये शायरी तुम्हें सुनाता कि,
हम तो यूँही अपने ग़मो को फरोल कर बैठ गए थे,
हमें क्या मालूम था कि बादल भी रो पड़ेंगे हमारा दुख सुनकर।
और फ़िर तुम सुनते ही कहती थी " वाहीआद" मैं पूछता "वाहीआद क्यूँ ?और वैसे भी तुम्हें क्या शायरी और नज़्मों की?" बात को मैं आगे बढ़ाता
"अच्छा इसी लिए मैं चाय lover हूँ और तुम कॉफ़ी ?" वो पुछती
"भला चाय का शायरी से क्या लेना देना?" मैं अक्सर उसके उस सवाल को सुनकर तंग आता और ये आगे से सवाल पूछता पर वो अक्सर एक हल्की सी मुस्कराहट के साथ जवाब देती "छोड़ो! तुम नहीं समझोगे ?"
मैं समझता था पर फिर भी ये बात पूछता था ताकि बात आगे बढ़ती रहे। मैं समझता था कि तुम हर उस शायरी,नज़्म,कविता या कहानी से नफरत करती थी जिसमें बात हमारे बिछड़ने की हो। मगर आज तीन साल बाद मैं हैरान हूं कि आज हमे तीन साल हो गए हैं जुदा हुए और तुम्हें एक भी दिन मेरी याद नहीं आई ? मोहब्बत नहीं मुक्कमल करनी थी तो कोई बात नहीं कम से कम बारिश के मौसम में एक कप चाय के लिए तो आ जाती।
डॉक्टर कह रहें हैं तुम्हारा दिल धड़क रहा है बस दिमाग ने काम करना छोड़ दिया है क्योंकि तुम कोमा में हो। तुमसे miscarriage का सदमा बर्दास्त नहीं हुआ और एक सुबह तुम सीढ़ियों से गिर गई और आँखे बंद कर ली और अभी तक नहीं उठी।
मैं हर बारिश तुम्हारी चाय औऱ मेरी काफ़ी लेकर बरामदे में बैठता हूँ इस उम्मीद से एक दिन तुम उठोगी और कमरे से बरामदे में आओगी और कहोगी, "जसप्रीत! वाहियात"
और फिर से बात आगे बढ़ेगी की तुम्हे क्या समझ शायरी और नज़्मों की और ये भी पूछूंगा की शायरी और चाय का आपस में क्या सम्बन्ध।
तो उठ जाओ ना यार सावन का मौसम आ गया है, कुर्सियां इंतजार मे हैं और मैं भी तुम्हारे साथ बारिश के मौसम में चाय और काफ़ी के लुत्फ़ उठाने के लिए।