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पहले एक बेटी का संघर्ष अस्तित्व के लिए,
वह अपने ही जीवन के लिए लड़ रही है।
करती है विद्रोह् अपने अधिकार के लिए,
हर कदम पर उड़ान भरने वाले सपने बुनती है!
वह समाज द्वारा पेश की गई चुनौतियों का सामना करती है।
करती है संघर्ष अपने ही फैसलों के लिए परिवार से,
युँ तो अगर मिल जाए स्वतंत्रता, अपने सपने, जीवन जीने की,
तो करती है संघर्ष उन दुष्ट नज़रों से अपने सम्मान को बचाने की।
क्यों कठिन है जीवन जीना इस समाज मे एक बेटी का?
वह समाज के खिलाफ संघर्ष करती है, चंडी में तब्दील हो जाती है; वह दुष्ट नज़रों के सामने खड़ी होती है और अपने सपनों और अपने अधिकारों के लिए लड़ती है।