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सब धर्मो का मालिक एक
निराकार पर कितना नेक इस दुनिया को पालने वाला वही तो है सृष्टि में एक
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाइ
ये तो सब दुनिया की बनाई
उसने तो इंसान बनाया
जिसमें मानव रूह समाई
कितना प्यारा पालनकर्ता
भूखो का जो पेट है भरता
दुनिया में जब पाप है बढता
वो सारे दुखढो को हरता
सबको नेक ही राह दिखाए
बदले में कुछ भी ना पाए
दयावान और सर्वश्रेष्ठ है
तभी तो वो ईश्वर कहलाए
कर्मो का भी लेखा जोखा
रखता है वो अपने पास
डुबाके सूरज चांद उगाये
फूल खिलाए कितने खास
हर पल की वह सुध है रखता
ना भोजन ना पानी चखता
बस उस्से जो आस है रखता
वही बंदा सुख का रस चखता
दंड, क्रोध का मालिक भी वह
और दया का मालिक भी वह
वही तो है जो तुमको चाहे
सुख की राह पे तुम्हे चलाये
प्रेम से उसको शीश झुकाओ
आंखे बंद कर ध्यान लगाओ
हाथ उठाकर उस्से माँगों
और जीवन की खुशियाँ पाओ
गुनाह की गलती मांगो उस्से
वो मालिक है कितना नेक
इस दुनिया में रंग भरे जो
है सबका मालिक वो एक