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ये जो तेरी इरादे है ....
अपनी महज़बीन निगाहों से ...
कटले आम मचाने की..... दिल दहलाने की.....
मेरे दिल को अपने इश्क़ की मुकरोज़ बनाने की......
ये जो तेरी इरादे है ....
अपनी महज़बीन निगाहों से ...
कटले आम मचाने की..... दिल दहलाने की.....
मेरे दिल को अपने इश्क़ की मुकरोज़ बनाने की.....
ये जो तेरी अदा है....
अपनी महज़बीन मुस्कराहट के तड़ख़ नूर से....
मेरे दिल को अपने इश्क़ मे मजनूं बनाने की.......
में तेरी एक अक्स को अपने नज़्म मे समाय बैठा हु.......
आपकी एक झलक पाने को अपने दिल को तेरसाया बैठा हु....
यूं जो तेरा दिलदार हो जाए.... जिंदगानी मे एक बार ..
यूं जो तेरा दिलदार हो जाए....जिंदगानी मे एक बार ....
यह अपने दिल में एक अरमान जगाए बैठा हूं...
मे तेरी एक अक्श अपने ज़हन में समाए बैठा हु..

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