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सूरज डूब गया है, 
और चाँद धीरे धीरे रोशनी के घूँट पी रहा है। 
पूर्णिमा बस दो रोज़ की दूरी पर है
सो चंद्रमा चमकने का अभ्यास कर रहा है। 

पंछी आसमां की सैर से थक चुके हैं, 
पूरे दिन की उड़ान में जो रोजीरोटी चोंच में दबायी है, |
उसे लेकर घोंसले की तरफ चले चलने का वक्त है। 
धीरे- धीरे लालिमा अंधकार में बदल रही है। 
चीं- चीं की ध्वनि जो शाम से आ रही थी वो अब मंद हो गयी है। पंछियों का कोई बचा हुआ ही साथी 
अपने झुंड की तलाश में आसमान में इधर से उधर भटक रहा है, और बाकी पूरा आसमान साफ हो चुका है। 

तारों में अपने स्थान को लेकर बहस चल रही है। 
एक तारा जो एक अन्य तारें के नज़दीक था, 
अपने स्थान से चलना शुरू करता है और 
आगे कयी तारों के पास से गुज़रता हुआ एक रिक्त से स्थान पर ठहर जाता है।

 फिर उसी के पास जो स्थान रिक्त सा दिखता था 
वहाँ कोई अन्य तारा उसके करीब चमकने लगता है। 
अब तक आसमान साफ था अब ना जाने कहाँ से एक बादल का टुकड़ा आया
और उन दोनों सितारों को ढक दिया। 

फिर छोटे- छोटे टुकड़ों में कई बादल बन गये। हवा चलने लगी। बादलों में चाँद के ख़िलाफ़ साज़िश हुईं और सारे बादलों ने एकजुट होकर चाँद को कैंद कर लिया। 

हवा शायद चाँद के फेवर में थी।
 उसने अपना वेग बढ़ाया और बादलों को बिखेर दिया। 
अब चाँद बादलों से लुका- छीपी खेलने लगा थथा।
हवा भी शायद चाँद और बादलों के साथ खेलना चाहती थी, इसलिए और तेज चलने लगी। 
बादल अब सफेद रेत से, बिखर गये और उनके ऊपर चाँद सफेद ऊंट सा चलने लगा। 

हवा एक गहरी सांस लेने को ठहरी तो बादलों ने लहरें बना लीं। चाँद मुस्कुराया और लहरों में गोते लगाने लगा। 
तभी किसी ने दबे लवों में कहा "दूध की नदी का कमल"। 
हवा मौन थी, बादल हट गये थे, फिर जाने किस की आवाज़ थी। 
छत पर घुटने देह से लगाकर बैठी मैं इस दृश्य की गवाह थी।
तभी चाँद ठहरा 
और भौंहे नटेर कर बोला - तो? ... अब कौन सा चाँद खूबसूरत है? 

मैं थोड़ा सहमी, और इधर- ऊधर देखने लगी। 
ये चाँद तो मुझसे पूछ रहा है। 
ये चाँद अहंम में डूब रहा है। 
मैंने चाँद को देखा और क्षण भर के लिए आँखें मूंद ली। 
चाँद- अब बोलो भी.. 

मैं मुस्कुरायी "खूबसूरत और खूबसूरत में से भी किसी एक को चुना जा सकता है भला? 
चाँद जवाब पे हंसा "तुम पागल हो.. पागल प्रेमिका! और फिर बादलों में डूब गया। 

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