अगर कोई शस्त्र कि भाषा बोल रहा है
तुम शास्त्र कि भाषा में जवाब नहीं दे सकते
यूँ सोमनाथ कि आभा को वहेषियों के हवाले
बार बार नहीं कर सकते
क्या तुमने इतिहास से कोई सबक लिया है?
क्या तुमने इतिहास के अध्याय कि चीख अनुभव कि है?
इतिहास दौसो पांचसो साल पुरानी गाथा सुनाएगा
तुम तो इस युग के हो
अपने आप को आधुनिक विश्व कि पैदाइस समझते हो
इसलिए इतिहास के तथ्य और वर्तमान कि समीक्षा नहीं करते हो
विश्व में चल रही युद्ध कि वजह समझ लो
अपने आप को युद्ध मध्य खड़ा करते हुए
ताकत चकास लो
आसान नहीं
नग्न सत्य से आँखे मिलाना
शतुरमृग बनना आसान है
अपनी भुजाओं में लावा पिघलाकर भरते रहो
सीने में फौलाद भरते रहो
कभी भी इनकी आवश्यकता पड़ सकती है
तुम्हारे जूनून कि चिंगारी से सनातन प्रजवलित किया करो
शास्त्र के साथ शस्त्र में भी पारंगत बनो.