हिलिंग क्या है?
क्यूँ जरुरी है?
तुमने जो उद्वेग पाल रखे है
वो उद्वेग अब थक चूके है
जीवन आधार हिला चूके है
सहज़ मासूमियत खा चूके है
दुनिया उजाड़ चूके है
दर्द महसूस होता है
उपचार प्रक्रिया में,पीड़ा कि वजह से
अश्रु उजागर होता है
घाव उभरकर सतह पे आ जाते है
आधात से, स्व स्तब्ध हो जाता है
क्यूँ? कैसे? कब?
सवालों कि तीक्ष्णता
वजूद को गहरे जख्म कि याद दिला देते है
बहुत हो चूका
अब इस स्थायी भाव से अलिप्त होना
आवश्यक लग रहा है
आसमां से गहन उपचार कि याचना हुई है
आहिस्ता बाहरी प्रभाव से,आत्मा मुक्त हुई है
आओ,आंतरिक व्यवस्था में सुधार करते है
पहल करते है
आगे सब कुछ ब्रह्माण्ड संभाल रहा है
मूलभूत ढांचे को 360 डिग्री पे मोड़ रहा है
आसान नहीं
आगे आकर,आध्यात्म मार्गदर्शन दे रहा है
ठान लिया है
अबकी बार, अंतिम प्रहार
टुकड़ो में तब्दील होकर रहेगा
काली छाया का आतंक राज़.
स्व उपचार आरम्भ हुआ है
परिणाम सुखद रहा है.