My response for him by my poem:-
जो मौत को छू कर वापस आता है,
वो है इंडियन आर्मी
जो हर मिशन जीत कर आता है,
वो है इंडियन आर्मी
जो डराने से भी न डरे,
वो है इंडियन आर्मी
जो मौत को सामने देख कर भी देश के लिए मरे,
वो है इंडियन आर्मी
जो दुश्मन को चौका दे,जो हर तरफ से निपुण हो,
वो है इंडियन आर्मी
जिसके पास जाने से पहले मौत भी सौ बार सोचे,
वो है इंडियन आर्मी
जो आंखों में आंख डाल कर लड़े,जो झुकाने से भी अपने सर न झुकाए, जिसके सर ही वतन के लिए कटे,
वो है इंडियन आर्मी
जो समय से पहले ही देश के लिए सज्य रहे,
वो है इंडियन आर्मी
जिसके सामने आते ही दुश्मन थर–थर कांपे,
वो है इंडियन आर्मी
जो देश के लिए हजारों बार जिए,जो देश के लिए हजारों बार मरे, वो है इंडियन आर्मी
जो हारे हुए जंग को भी जीता दे,
वो है इंडियन आर्मी
जिसके मुख पर हार शब्द ही नहीं है,
वो है इंडियन आर्मी
जो लोगो के दिल को जीतता है,और जो दुश्मनों के दिल को चीरता है, वो है इंडियन आर्मी
जो दुश्मन के मंसूबों पर पानी फेर दे,जो देश हित के लिए अपनी जवानी दे दे, वो है इंडियन आर्मी
जिसके शरीर का लहू ही देश के लिए हो,जो भारत मां की रक्षा के लिए जन्मा हो,जो देश की दिलो–जान से रक्षा करे,
वो है इंडियन आर्मी
जो निहत्थे ही दुश्मन पर हावी हो जाए,जो मरते–मरते भारत मां की जयघोष लगा दे,
वो है इंडियन आर्मी
जिसके जीने का आधार ही ‘करो या मरो‘,जिसके जीने का आधार ही ये ‘दिल मांगे मौत‘ हो,
वो है इंडियन आर्मी
जो मुश्किल से मुश्किल जगह पर भी पहुंच जाए,
वो है इंडियन आर्मी
जिसके लिए जान से प्यारा हो ये वतन,जिसके लिए तिरंगा हो जाए उसका कफन,