मैं हर लम्हा तुमसे इज़हार करना चाहती हूँ
मैं तुमसे एक बार नहीं,
हर पल, हर सांस, हर धड़कन के साथ
अपने इश्क़ का इज़हार करना चाहती हूँ।
मैं चाहती हूँ कि मेरी मोहब्बत
कभी ठहरे नहीं, कभी रुके नहीं,
बल्कि हर दिन, हर लम्हा
नए रंग में तुम्हें छूती रहे।
जब तुम सुबह उठो और आईने में खुद को देखो,
तो मेरी मोहब्बत की हल्की-सी परछाई
तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान बनकर ठहर जाए।
जब तुम किसी काम में उलझे हो,
तो अचानक तुम्हारे ज़ेहन में
मेरी कोई बात आकर तुम्हें हंसाए,
तुम्हारा दिन हल्का कर दे।
मैं चाहती हूँ कि तुम कभी भी
खुद को अकेला न महसूस करो,
क्योंकि मैं हमेशा वहीं हूँ,
तुम्हारे आसपास, तुम्हारी हर चीज़ में,
हर एहसास में बसी हुई।
तुम्हारी हँसी किसी पुराने,
मधुर गीत की तरह है,
जिसे बार-बार सुनने का दिल चाहता है।
तुम्हारी आँखें उस गहराई जैसी हैं,
जिसमें डूबकर भी
इंसान खुद को हल्का महसूस करता है।
तुम्हारी बातें ठंडी हवा जैसी हैं,
जो हर तनाव, हर उलझन को
धीरे-धीरे बहा ले जाती हैं।
मैं तुमसे बेइंतहा मोहब्बत करती हूँ,
बिना किसी शर्त, बिना किसी वजह,
बिना किसी हिसाब-किताब के।
तुम्हें चाहना मेरे लिए
सांस लेने जितना आसान है,
जैसे कोई परिंदा खुले आसमान से प्यार करे,
जैसे समंदर हर आती-जाती लहर को अपनाए।
मैं तुमसे हर रोज़ प्यार करना चाहती हूँ,
हर बार नए तरीके से,
हर बार उतनी ही शिद्दत से,
जितनी पहली बार महसूस किया था।
अगर मोहब्बत की कोई आवाज़ होती,
तो वो तुम्हारी हँसी होती।
अगर चाहत की कोई शक्ल होती,
तो वो तुम्हारी आँखें होतीं।
अगर इश्क़ को कोई रंग दिया जाता,
तो वो तुम्हारे नाम से जाना जाता।
तुमसे प्यार करना कोई एक लम्हे का इज़हार नहीं,
ये तो हर दिन का क़िस्सा है,
हर रात की कहानी है।
तुम जानो या न जानो,
समझो या न समझो,
पर जब भी तुम चुपचाप हो,
जब भी तुम्हें किसी अपने की कमी महसूस हो,
तो बस अपनी सांसों की हलचल सुनना
उनमें कहीं न कहीं मेरा नाम धड़क रहा होगा।
मैं तुम्हारी परछाईं नहीं,
तुम्हारे होने का हिस्सा हूँ।
तुम्हारी ख़ुशी में, तुम्हारी हँसी में,
तुम्हारी ख़ामोशी में भी मैं हूँ।
तुम जब थककर रुकोगे,
तो मैं तुम्हारे लिए सुकून बन जाऊँगी।
तुम जब गिरोगे,
तो मैं तुम्हारी हिम्मत बनूँगी।
तुम जब मुस्कुराओगे,
तो मैं तुम्हारी उस मुस्कान में खुद को देखूँगी।
क्योंकि मैं तुमसे सिर्फ़ प्यार नहीं करती,
मैं तुम्हें जीती हूँ,
हर लम्हा, हर सांस, हर धड़कन के साथ…
हमेशा, बस तुम्हें।