Image by Jill Wellington from Pixabay

तू आजाद है कोई कैद नही , इस बात को तू जान ले ,
इतिहास तेरा मोहताज रहा है , आईने से खुद को पहचान ले ,,
और यू ही तुझे मां नही माना है,
तुझमें वो ताब है नजरो से सागर नाप ले ।
तुझमें वो ताब है नजरो से सागर नाप ले ।।
तू शमशीर रही है और ढाल रही है ,
सरजमीं का अभिमान रही रही है ,,
तुझपे नजर उठाने वालो का हश्र सभी ने देखा है ,
अब जाने कौन सी मजबूरी है , जो तुझे गर्त में फेका है ,,
ये दुर्भाग्य है हर शक्श का जिसने तुझे पहचाना नही,
हथेली बेशक मर्द बने पर लकीर तुझे क्यू माना नही ।।
तू पर फैला, ये जान ले ,,
तू धरती और आसमान है ,
कण कण तेरा शुक्रगुजार है,
तुझमें वो ताब है नजरो से सागर नाप ले ।।
नजरो से सागर नाप ले ।।
तूने सबको पाला है ,
सम्मान ही तो बस मांगा है ,,
है इल्म मुझे भी तू नाम बनेगी,
रात भी तू और चांद बनेगी,,
कही संस्कारो के नाम पे तुझे बांधा है,
कही खुली छूट ने तुझे बिगड़ा है,
कही परदे ने तुझे छुपाया है,
तेरे हुनर को नीचा दिखाया है,,
हर वक्त बदलेगा याद ये रखना ,
तूने हर ओर जोहर दिखाया है।।
तुम किसी से कम नहीं , तुम खिदसे खुद आगे बढ़ो,
इज्जत के नाम पे पीछे जो खींचे ,
अधिकार तुम्हारा तुम ही लड़ो,,
तेरी बुद्धि ताकत से वाकिफ ही मैं ,
हर सूरत में तूने प्यार दिया है ,
मां बहन बेटी मोहब्बत सारे फर्ज़ अदब से अदा किया है ।।
तू मोती है तू सागर है ,
हर जल का बस तू गागर है ,,
तेरे बिना किसी वजूद है ही नही ,तू ये ठीक से मान ले,
तुझमें वो ताब है नजरो से सागर नाप ले ।।
नजरो से सागर नाप ले ।।
रोशन भी और राह भी तू है,
अंधेरा गर जहां है ,तो मशाल भी तू है ,
खुद को यूं कमतर ना आंक ला ,
खुद से खुद को पहचान ले ,,
तू खास है कोई आम नही ,
तू हर चेहरे में महान है ,,
तुझमें वो ताब है नजरो से सागर नाप ले ।।
तुझमें वो ताब है नजरो से सागर नाप ले ।
नजरो से सागर नाप ले ।।

.    .    .

Discus