एक बचपन का जमाना था,
वह मेरे रंगीन यादों का पिटारा था,
आज फ़िर से बरसो बाद मेने अपने दिल का दौरा किया,
और वो यादों की तस्वीरें ने मन को सेहला दिया,
वो खिलखिलाता
आंगन,पड़ोसियों के बच्चों
के साथ,
वो भाई बहन
की खट्टी मीठी लड़ाई,
वो सुबह सुबह
पेपर वाले की साइकिल
की घंटी,
वो मेरे गुडा गुड़िया
वाले खिलोने,
वो नानी और दादी
के हाथ का आम का अचार
और वो उनकी कहानियाँ का संग्रह,
और आपने करीबी
लोगो का प्यार..