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मुझे मेरे बचपन के दिन वापस लौटा दो
मेरे वो हस्ते खेलते दिन , मुझे वापिस लौटा दो,
मेरी बढ़ती उम्र घटा दो,
मुझे मेरा बचपन वापिस लौटा दो,
अंजान ही सही थी मैं बाहरी दुनिया से,
मैं खुश थी अपनी ही दुनिया में,
मुझे वापिस से उस सुकून भरे समय में पहुंचा दो,
मुझे मेरा बचपन वापिस लौटा दो,
वो समय जब बेफिक्र रहती थी मैं ,
वो समय जब परेशानियों से दूर रहती थी मैं,
मुझे वापिस वहीँ पहुंचा दो,
मुझे मेरा बचपन लौटा दो,
ज़िन्दगी की मार खाने से अच्छा तो ,
माँ की मार खाना ही अच्छा था,
ज़िन्दगी जिस तरीके से चीज़ें सिखा रही है,
माँ के सिखाने का तरीका ही अच्छा था,
ज़िन्दगी की मार का दर्द तो गहरा है ,
माँ की मार का दर्द तो कच्चा था,
वो चोटें जल्दी भर जाया करती थी ,
अभी की चोटें बहुत वक़्त लगाया करती हैं भरने में,
बचपन का वो समय कितना अच्छा था
मुझे वापिस वहीँ पहुंचा दो,
मुझे मेरा बचपन लौटा दो,
जवानी बस दर्द पहुंचाती है ,
बचपन के वापिस आ जाने की उम्मीद जगाती है ,
इस जवानी के जुर्म से पीड़ित मैं ,
मांग रही हूँ बचपन वापिस अपना,
मुझे मेरा बचपन लौटा दो.

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