Image by M. H. from Pixabay

बस इतना पूछना काफ़ी होता है किसी भी चीज़ को बेहतर बनाने के लिए । पर हमें इसमें हिचक महसूस होता है । तीन शब्दों के इस सवाल से हम अपने जीवन को भी सुधार सकते हैं पर हमने क्या कभी पूछा है? नहीं क्योंकि डर लगता है । सामने से सवाल करने से हम डरते हैं ।

इतना असहज होने की क्या बात है अगर कोई युक्ति से हमें बताएं कि हम अपना काम कैसे बेहतर करें ? अगर दूसरों से राय लेने से हमारा व्यक्तित्व निखर जाए, समस्या का हल निकालना आसान हो जाएं तो पूछने में हर्ज क्या है ।

कैसा लगा पूछने का अर्थ यह नहीं कि हमें दुसरो की हर सुझाव मानने की जरूरत है पर सवाल करने पर जो जवाब मिलेगा उससे हम अलग-अलग दृष्टिकोण से सोचने का इशारा मिलेगा । हमारी मां, दादी, नानी सभी खाना परोसने के बाद हर बार एक सवाल करना नहीं- भूलती खाना कैसा है? हमें उनसे सीखने की जरूरत है कि किस सरलता से वो यह सवाल हमसे करते हैं । वो हमारी टिप्पणियों से कभी निराश नहीं होकर अच्छा तो बना है न पूछ लेती है... और हम डर से आगे बढ़ नहीं पाते आपको कैसा लगा? यह पूछने के लिए ।

 विद्यालय और महाविद्यालयों में सुझाव लेना कैसे हैं और किस समय लेना जरूरी है यह सीखाया नहीं जाता है । हमें सुझाव देना ज्यादा प्रिय है लेकिन लेना पसंद नहीं है । नंबर लाने के लिए शिक्षकों से सुझाव लेना जरूरी समझा लेकिन आगे चलकर दुसरो से सुझाव लेने के प्रक्रिया को कमजोरी माना लिया । हमें लगता है कि सिर्फ छात्र जीवन में ही सुझाव लेना मान्य है । यही सोच हमें पीछे लेकर जा रही है । हमें लगता है सुझाव लेने से हमें कोई मुर्ख समझ लेगा । बल्कि होता उसका विपरीत है कई बार सुझाव न लेने से हमारा ज्ञान सीमित रह जाता है और लोग भी सोचते हैं एकबार परामर्श क्यों नहीं किया ।

अपने पेशेवर जीवन में भी हमें इस वजह से दिक्कत होता है क्योंकि वरिष्ठ अधिकारियों से अपने काम में आ रही परेशानी को बता नहीं पाते है । काम में परेशानी सबको आता है चाहे नये हो या वरिष्ठ अधिकारी । काम करते समय अगर ग़लती हो हम अगली बार कैसे सावधान हो ताकि ग़लती फिर न हो; यह न सोच गलती छींपा देते हैं क्योंकि डांट से बचना चाहते हैं । अर्थात सलाह लेने के लिए उचित माहौल अधिकतर कार्यस्थलों में है ही नहीं ! ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं चल पाता है कि उन्होंने कहा काम करने में गलती की है और सही कामों के मापदंड क्या है । कार्यालय में आपको कैसा लगा अगर हर कर्मचारी एक दूसरे से पूछें तो अगले दिन सभी कर्मचारियों को कम से कम एक बात सुधार लाने का सोचें पाएंगे । अगर कोई काम अच्छा नहीं हुआ है तो बात को रखने का तरीका बदल दिया जा सकता है आपने अच्छी प्रयास किया है और बेहतर रूप से प्रस्तुत करने के लिए ध्यान में रखें ______ । कार्यालय में हो या जीवन के किसी क्षेत्र में अपने ओर से किसी भी सही बात को दुसरो को समक्ष पेश करने के लिए सही लहजे में बात करना भी जरूरी है । किसी को भी वास्तव में ग़लत होना या गलती करना आ पसंद नहीं आता है । हमें इसी बात को ध्यान में रखते हुए माहौल को ऐसा बनाना होगा कि लोगों को सलाह लेने में असहज महसूस न हो ।

 आपको कैसा लगा व्यापार के मुनाफे में अहम भूमिका निभाता है । ग्राहकों से राय लेना उनको अच्छी सेवा देने अति आवश्यक है । ग्राहकों के साथ संपर्क सुदृढ़ करने के लिए उनको जानना ज़रूरी है । पर हम सवाल टाल देते हैं जिससे व्यापार में मुनाफा घट जाता है । जब ग्राहकों से आपको कैसा लगा पूछा जाता है लोगों को अच्छा लगता है कि उनकी राय की भी कदर है ।

पति पत्नी के बीच यह एक विशेष भूमिका निभाता है । आज पति पत्नी को अक्सर एक-दूसरे के बारे में व्यस्त जीवन के चलते साथ रहकर भी की बातों की जानकारी नहीं होती है । रिश्ते भावनाओं से सींचे जाते हैं । इसलिए पति पत्नी को आपस में बातचीत जारी रखने हेतु भिन्न विषयों पर एक दुसरे को कैसा लग रहा है जानने की कोशिश करना चाहिए । सिर्फ पति-पत्नी ही नहीं परिवार के हर रिश्ते को कुछ सहज सुझाव लेकर बरकरार रख सकते हैं । युवा पीढ़ी और बुजुर्गो के साथ सलाह मशवरा एक उज्जवल भविष्य के लिए जरूरी है । माता पिता जिस तरह अपने बच्चों को सीख देने के लिए सलाह देते हैं उन्हें अपने बच्चों से भी कई विषयों पर सलाह लेने की पहल करने की जरूरत है यही समय की मांग है । जब माता पिता बच्चों से कुछ विषयों पर सलाह लेते हैं, बच्चों को एहसास होता है उनकी राय माता पिता के लिए अहम है । तब बच्चों को भी माता-पिता से सलाह लेना अच्छा लगता है ।

 विद्यालय और महाविद्यालय प्रबंधन को छात्रों से सलाह लेना जरूरी है । छात्र-छात्राओं के निजी उम्मीदें होते हैं । उन्हें समझने का प्रयास जरूरी है ताकि मानव संसाधन का सही विकास हो पाएं । नौकरी देनेवाले संस्था और कंपनियों में सलाह करना/सुझाव मांगना चाहिए कि ऐसा क्या किया जाए जिससे अर्थनैतिक मंदावस्ता में कर्मचारियों के निष्कासन को अंकुश लगाया जा सके ।

सलाह मांगनेवाले के प्रति समाज का रवैया बदलना चाहिए । सलाह अगर कोई मांगे आलोचना नहीं करना चाहिए । उनका तिरस्कार नहीं होना चाहिए । आपको कैसा लगा पूछने पर उस व्यक्ति को प्रेरित करना भी जरूरी है । जो भी व्यक्ति सलाह लेने की सोचता है वो लोगों के तानों के बारे में सोच कई बार सोच सुझाव मांगता ही नहीं ।

आपको कैसा लगा मात्र यह एक सवाल के जवाब मिलने से हमारा तनाव कम होता है । अगर हम दुसरो की पसंद ना पसंद के बारे में जानना चाहते हैं तब भी इस सवाल के मदद से पता कर सकते हैं । अपने आप को परिस्थितियों के अनुरूप ढालने के लिए भी दुसरो की राय कभी कभी जरूरी है । देश के राजनीतिको को भी जनता से विभिन्न योजनाओं पर राय लेना आना चाहिए । हमारे देश में बेरोजगारों से लेकर कम बेटन वाले कर्मचारियों के अपने संघर्ष है, जीवन के भाग दौड़ में उनको तसल्ली देना भी एक ऐसी चुनौती है कि आपको कैसा लग रहा है यह सवाल मन को हल्का कर सकता है । यही सवाल हमें बेहतर बना सकता है ।

.    .    .

Discus