कोरोना के माहौल के बीच हाल ही में 'सफाईबाज़' फिल्म की शूटिंग लखनऊ में पूरी हुई है. शहर तथा आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में 23 सितंबर से चल रही इस फिल्म की शूटिंग का समापन दिनांक 7 अक्टूबर को हो गया. फिल्म के निर्माता-निर्देशक, डॉ. अवनीश सिंह जो कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार से महानिदेशक पद से सेवानिवृत हुए हैं. उन्होंने बताया कि यदि हम निर्देशित सुरक्षा नियमों तथा कार्य प्रणालियों का पालन करें तो कोविड-19 के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं.
डॉ. सिंह ने बताया कि कोरोना के माहौल में हुई शूटिंग के लिए फिल्म के सेट पर सभी तरह के सुरक्षा उपायों का पालन सुनिश्चित किया था. बचाव के लिए सभी को कोरोना सुरक्षा किट पहन कर ही काम करने की अनुमित दी गई. फिल्म की शूटिंग के दोरान सुरक्षा नियमों का पालन कड़ाई से करने की वजह से सभी कलाकार तथा कैमरा, लाइट आदि के सभी लोग अपने-अपने घर सुरक्षित पहुंच गए.
अवनीता आर्ट्स के बैनर तले बन रही यह फिल्म सामाजिक मुद्दों से जुड़ी है. इसकी कहानी अंडर ग्राउंड सीवर लाइंस को साफ करने वाले कर्मचारियों के इर्द-गिर्द घूमती हैं. यह फिल्म समाज के हाशिये पर हुए उपेक्षित वर्ग की असुरक्षित जीवन-शैली, सामाजिक स्तर तथा प्रतिकूल परिस्तिथियों को दर्शाती हैं.
डॉ. सिंह के मुताबिक फिल्म ‘सफाईबाज़’ एक दस्तावेज़ है उन ज़िंदगियों का जो मानव समाज द्वारा फैलाई गई गंदगी को साफ करने के लिए गटर में उतर तो गए पर कभी वापिस नहीं आए. यह एक प्रयास है उन कर्मचारियों को श्रद्धांजलि देने का जिन्होंने इस समाज के स्वच्छ और बेहतर बनाने के लिए अपनी शहीदत दीं.
फ़िल्म के मुख्य कलाकार राजपाल यादव जो सीवर सफाई करने वाले के भूमिका में है. इनके साथ जानी लिवर (कॉलेज प्रोफेसर), उपासना सिंह(प्रोफेसर की पत्नी), मनप्रीत (कॉलेज स्टूडेंट और सोसल वर्कर) ओंकार दास मणिपुरी, ऋतु सिह, अनुपम श्याम ओझा(साधु बाबा) सम्राट चतुर्वेदी (म्यूनिसिपल कॉन्ट्रेक्टर) आशीष अवाना (बिजनेस मैन) दीपक राज डोगरा म्यूनिसिपल ऑफिसर और मनोज पंडित म्यूनिसिपल सब कॉन्ट्रेक्टर है. उनका कैरेक्टर एक ऐसे चापलूस, मौकापरास्त और खूंखार इंसान का है जो अनैतिक कार्य में विश्वास करता है. मजदूरों का ख़ंब शोषण करता है. वहीं अजीत चौबे बतौर क्रिएटिव डायरेक्टर जुड़े हुए है.