Chakarvarti Ashok Priyadarshi

आज बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक - 182 से न्यू भारत मिशन (NBM)के चक्रवर्ती अशोक प्रियदर्शी नामजदगी का पर्चा दाखिल किया. एन बी एम के महासचिव श्री प्रियदर्शी बिहार विधानसभा मे अपने ग्यारह उम्मीदवारों के साथ उतर रहे हैं. गौरतलब है कि बांकीपुर में मतदान दूसरे चरण यानी 3 नवंबर को होना है. एन बी एम का टैग लाईन है, "इमानदार लोगो के लिये सहूलीयते और बेईमानों के लिये कठिनाई पैदा करने का मिशन"

* बिहार में इसकी नदीयों और यहां निहित खेत और उद्योग की संभावना मे एक करोड रोजगार के अवसर मौजुद हैं.

संघर्ष और निर्माण की धारावाहिकता चक्रवर्ती अशोक प्रियदर्शी

पटना में ही 1958 में ही जन्मे , यहीं बड़े हुए प्रियदर्शी 62 वर्ष के हैं. चार साल स्कुललिंग के अलावे इनका पूरा कार्य काल पटना के बांकीपुर में बिता. जय प्रकाश नरायण द्वारा निर्मित निर्दलीय जन आंदोलनों के माध्यम से 40 साल कार्य करते हुए प्रियदर्शी ने इधर के वर्षों में संसदीय राजनीति के जीर्णोद्धार में अपना ध्यान लगाया है.

सिवान जिले के छोटे-से गांव सहूलि के मूल निवासी च. अ. प्रियदर्शी ने पटना कॉलेज में इंटरमीडिएट 1975 में एडमिशन लिया. मैंट्रिक के दौरान ही वे '74' के आंदोलन में शामिल हो गये थे. आपातकाल के दौरान पटना के सैदपुर हॉस्टल से गिरफ्तार भी हुये थे. इंटरमीडिएट करने के बाद उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से ही अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की. किशोरावस्था में स्वामी विवेकानंद से प्रभावित प्रियदर्शी ने आगे चल कर जेपी को अपना आदर्श माना. '75' में जेपी द्वारा स्थापित छात्र -युवा संघर्ष के सदस्य बने और पूरी सक्रियता से संगठन के कार्य में लगे रहे.

1978 बोधगया मठ की जमींदारी के खिलाफ संघर्ष वाहिनी द्वारा शुरू हुए आंदोलन में शामिल होने के बाद से लगातार उस इलाके में सक्रिय रहे हैं. 1994 से तो लगातर इसी कार्य क्षेत्र को अपना कर, स्थानीय नेतृत्व के साथ प्रियदर्शी ने 230 गांव (5 प्रखंड क्षेत्र तक) आंदोलन की धारावाहिकता को नेतृत्व दिया.

सरकार के एजेंडा पर लाने के लिए प्रियदर्शी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर प्रदर्शन किया गया. नतीजतन प्रियदर्शी सहित विभिन्न संगठनों के नौ लोगों की गिरफ्तारी हुई. इस मामले में बिहार सरकार की उदासीनता को लेकर विधानसभा का घेराव किया गया, जिसमें पुनः प्रियदर्शी गिरफ्तार हुए. 


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