बिहार विधानसभा चुनाव 2020 से पहले कांग्रेस ने प्रदेश की जनता के लिए बड़ा वादा किया है. पटना के सदाकत आश्रम में प्रेस को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र सरकार विधेयक में न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) के प्रावधान को शामिल कर ले, तो कांग्रेस अपना आंदोलन वापस ले लेगी. साथ ही उन्होंने बिहार में कांग्रेस समर्थित सरकार बनने पर किसानों के लिए एमएसपी कानून लाने की बात भी कही.

सुरजेवाला ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार नये कानूनों की मदद से किसानों के खेत को निजी कंपनियों के हाथों गिरवी रखना चाहती है. कृषि विधेयक को लेकर उन्होंने कहा कि राज्यसभा द्वारा किसानों के खिलाफ तीन काले कानून पास किये गये हैं. यह खेत-खलिहान को पूंजीपतियों के हाथ में गिरवी रखने का षड्यंत्र जैसा है.

सुरजेवाला ने पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार के बारे में कहा कि ये लोग कसम तो किसानों की खाते हैं, जबकि फायदा पूंजीपतियों को पहुंचाते हैं. तीन काले कानूनों के माध्यम से किसान, खेत-मजदूर, छोटे दुकानदार, मंडी मजदूर व कर्मचारियों की आजीविका पर हमला बोला गया है. देश भर में 62 करोड़ किसान-मजदूर व 250 से अधिक किसान संगठन इन काले कानूनों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं.


सुरजेवाला ने बिहार में एपीएमसी एक्ट के खत्म किए जाने का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा कि राज्य में तो साल 2006 में ही एपीएमसी एक्ट जिसके जरिए ‘कृषि उपज खरीद व्यवस्था’ सुनिश्चित होती है के खात्मे के साथ ही अनाज मंडियां खत्म हो गई. इसे आप ऐसे समझ सकते है कि बिहार में साधारण धान का एमएसपी 1300 रुपये है, तो देश में 1868 रुपये प्रति क्विंटल. धान ए ग्रेड का एमएसपी बिहार में 1350 रुपये है ,तो देश में 1888 रुपये प्रति क्विंटल है. 


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