मुंबई के सबसे बड़े स्लम एरिया धारावी ने कोरोना ट्रांसमिशन की चेन को तोड़ने में सफलता प्राप्त कर ली है. कभी कोविड-19 के हॉटस्पॉट रहा यह इलाका कोरोना से फ्री होने की दहलीज पर है. आपको बता दें कि जब धारावी में अप्रैल महीने में कोरोना संक्रमण का ग्रोथ रेट 12 फीसदी हो गया था और मरीजों की संख्या 18 दिन में दोगुने होने लगा था, तब सभी को ये डर सताने लगा कि यहां स्थिति काफी बिगड़ सकती है. यहां कोरोना के हालात बिगड़े भी.
स्थिति बिगड़ने के कई कारक जिम्मेदार रहे. मसलन महज 2.5 वर्ग किलोमीटर में फैली इस इलाके में लगभग 9 से 10 लाख लोग रहते हैं. यहां की पापुलेशन डेंसिटी 2,27,136 प्रति किमी है, जहां छोटे-छोटे घरों में 8-10 लोग रहते हैं. यहां के 80 प्रतिशत लोग सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में लोगों के एक-दूसरे के टच में आने की संभावना बढ़ गईं. धारावी में कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाना बड़ी चुनौती थी, लेकिन समय पर तेजी से लिए गए एक्शन की वजह से यहां कोरोना पर काबू पाया जा सका. कोरोना से उपजे हालात पर काबू पाने के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और महाराष्ट्र सरकार ने आपसी तालमेल करके काम करना शुरू कर दिया.
कोरोना को मात देने के लिए बीएमसी और राज्य सरकार ने 4 टी यानी ट्रेसिंग, ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट' के फॉर्मूले का इस्तेमाल किया. स्कूल, कॉलेज को क्वारंटीन सेंटर बना दिया गया. 24X7 डॉक्टरर्स और नर्सेस की टीम तैनात किए गए. मरीजों को तीनों टाइम अच्छा खाना दिया गया. इन बेहतर इंतजामों की तस्दीक ये रिजल्ट कर रहे है, 8 जुलाई को वहां सिर्फ़ एक मामला सामने आया था और बीते कुछ दिनों से एक भी कोरोना वायरस का नया केस सामने नहीं आया है.
अब लोग कोरोना वायरस कंट्रोल को लेकर धारावी मॉडल की तारीफ कर रहे हैं. जिस तरह से इसने महामारी को मज़बूत हौसले से काबू किया है, वह वाकई मिसाल देने लायक है और इसकी प्रशंसा में डब्ल्यूएचओ के चीफ टेड्रोस एडनॉम ने कहा-
“कुछ देशों के उदाहरण दिए जा सकते हैं. इनमें इटली, स्पेन और दक्षिण कोरिया हैं. इनमें मेगासिटी मुंबई का खचाखच भरा इलाका धारावी भी है. इन जगहों पर बड़े स्तर पर लोगों में जागरूकता अभियान (कम्युनिटी इंगेजमेंट) चलाया गया. कोरोना वायरस की जो मूलभूत बात टेस्टिंग, ट्रेसिंग और आइसोलेशन से जुड़ी है, उसका पूरा ख्याल रखा गया. कोरोना के संक्रमण को रोकने और उसे खत्म करने के लिए हर बीमार आदमी का इलाज किया गया”.
इससे ये जाहिर हो चुका है कि संक्रमण की दर भले ही तेज क्यों न हो, उसे काबू किया जा सकता है और देश में धरावी मॉडल एक मिसाल बनकर उभरी है. जो हाल तक कोरोना संक्रमण के लिए सुर्खियों में बनी हुई थी, उसने कोरोना वायरस के कर्व को फ़्लैट करने में सफलता पा ली है.