Shakti Singh Gohil twitter image

बिहार चुनाव में सीटों को लेकर पेंच फंसता ही जा रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 71 सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है. वहीं, महागठबंधन में सीट बंटवारे की गुत्थी अभी तक सुलझाई नहीं जा सकी है. सीट शेयरिंग के मुद्दे पर कांग्रेस और राजद के बीच तल्खी बढ़ती ही जा रही है. राजद का ऑफर कांग्रेस को मंज़ूर नहीं है.


वहीं पार्टी के बड़े नेता इस विवाद को जल्द से जल्द खत्म करना चाहते है. इसलिए आज गुरुवार 1 अक्टूबर को दिल्ली में कांग्रेस की ओर से सीनियर नेताओं की बैठक बुलाई गई है जिसमें सीटों को लेकर जारी खींचतान पर मंथन की गई. इस बैठक में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडेय और पार्टी के बिहार प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल भी मौजूद रहे.


गोहिल राजद के नेताओं की ओर से हो रहे बयानबाजी से खफा है. उन्होंने तो बैठक के बाद चुनाव में अलग राह पकड़ने की धमकी भी दे दी है. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही अविनाश पांडेय ने भी सम्मानजनक सीटें न मिलने पर सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था.

इन सब कारणों से आज की बैठक बेहद महत्वपूर्ण है. इसमें किसी नए विकल्प को भी आजमाया जा सकता है या सीट पर फंसी पेंच का विवाद आज ही सुलझा कर चुनाव में आगे की रणनीति पर मुहर लग सकती है. गोहिल ने साफ कहा कि महा गठबंधन में अगर कुछ ऊपर नीचे होता है तो हम अपने अन्य दलों के साथ चुनाव में जाने को तैयार हैं.

अगर ऐसा होता है तो महागठबंधन टूट जाएगा, क्योंकि सीटों को लेकर ही जीतनराम मांझी और उपेन्द्र कुशवाहा अलग हो चुके है. अब कांग्रेस भी अलग हो जाएगी तो इसमें बस राजद और मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी पार्टी ही बचेंगी. हालांकि इस बीच मझधार में भी कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह को लगता है कि बातचीत से कोई न कोई रास्ता ज़रूर निकलेगा.

कांग्रेस और राजद दोनों तरफ से बयानबाज़ी का दौर जारी है. दोनों दलों के नेता एक दूसरे पर जुबानी हमला करने से बाज़ नहीं आ रहे हैं. सीट बंटवारे का गणित कांग्रेस को मंज़ूर होता है या वो महागठबंधन से नाता तोड़ लेगी. ये देखना दिलचस्प होगा. फिलहाल दोनों पार्टी दबाव की रणनीति अपनाए हुए हैं. जहां कांग्रेस कम से कम 70-75 सीटें मांग रही है. वहीं राजद उसे ज्यादा से ज्यादा 60 से 64 के बीच में ही सीटें देने के लिए तैयार है.  


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