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टेक्नोलॉजी हमारे जीवन को आसान तो बनाते है जिसके चक्कर में आकर हमने पर्यावरण की सुरक्षा को कही न कही नज़रअंदाज़ किया है. तभी तो वैश्विक चुनौति के रुप में जलवायु संकट (Climate Problem) व प्रदूषण जैसी विकट समस्याएं आ खड़ी हुई हैं. आर्थिक विकास की रफ्तार को ज्यादा करने के लिए हमने प्रकृति का अंधाधूंध दोहन और विषैली साम्रगी का भी प्रयोग किया है. चाहे वह जंगलों को काट कर हो या फैक्ट्रीयो से निकलने वाले केमिकल हो. इससे हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है.

हम अब इन टेक्नोलॉजीज के इतने आदि हो गए है की प्रदूषण को रोक तो नहीं सकते लेकिन बहुत हद तक कम कर सकते है. उसमें एक सबसे अच्छा तरीका है ग्रीन टेक्नॉलॉजी. आइए जानते है ग्रीन टेक्नॉलॉजी क्या है (Green Technology in hindi), इसके लाभ और इसे लागू करके पर्यावरण को कैसे बचाया जा सकता है.

ग्रीन टेक्नॉलॉजी क्या है (Green Technology in Hindi)

ग्रीन टेक्नोलॉजी में नवीकरणीय ऊर्जा, हरित परिवहन, प्रकृति को उसके असल रूप में बहाल करने और पर्यावरण के लिए फ़ायदेमंद वैकल्पिक स्रोत शामिल है. इसका मतलब है कि प्राकृतिक संसाधनों का ऐसे इस्तेमाल करना जिससे प्रकृति को कम से कम या कोई नुकसान ना पहुंचे. उदहारण के तौर पर सौर ऊर्जा, पवन शक्ति(Wind Power) का प्रयोग करना और टॉक्सिक उत्पादों का प्रयोग नहीं करना. 3R प्रिंसिपल यानी reuse, recycle, reduce जैसे उपाय अपनाना आदि.

चूंकि मानव सभ्यता को बचाना है तो ग्रीन टेक्नोलॉजी अनिवार्य रुप से अपनाना ही होगा. तभी तो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़), विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा संस्था (आईईए) ने हरित सुधार के प्रयासों और उपायों को अपनाने पर जोर दे रही हैं. एक बेहतर दुनिया के निर्माण के लिए ये टेक्नॉलॉजी अपनाना ही होगा.

ग्रीन टेक्नॉलॉजी के लाभ (Benefits of Green Technology in Hindi)

अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी का अनुमान है कि अगर दुनिया के देश डेवलपमेंट के लिए ग्रीन टेक्नॉलॉजी को अपनाते हैं तो आने वाले सालों में रोज़गार के नए अवसर पैदा किए जा सकते है. इस टेक्नॉलॉजी को अपनाने से तकरीबन 90 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर सृजित किये जा सकते है. इतनी ही नहीं ये टेक्नॉलॉजी सतत विकास(Sustainable Development) के लक्ष्यों को भी प्राप्ति करने में मददगार साबित होगी. 

मसलन इसके द्वारा ऊर्जा के इस्तेमाल में कार्यकुशलता, बिजली से चलने वाले परिवहन के साधनों और बुनियादी ढांचे का विकास, ब्रॉडबैंड की मूलभूत सुविधाओं में सुधार, प्रकृति को फिर से बहाल करना, जलवायु परिवर्तनों को आसानी से सह लेने वाले मूलभूत ढांचे का निर्माण, शहरों को नए सांचे में ढालना, नवीकरणीय ऊर्जा के अनुरूप इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड में सुधार लाना, रिसाइक्लिंग तकनीक को अपनाना, कचरा प्रबंधन, हाइड्रोजन ऊर्जा पर निवेश, और कार्बन कैप्चर एवं स्टोरेज के लक्ष्य हासिल किये जा सकते है.

ग्रीन टेक्नॉलॉजी को लागू कैसे करें (How to implement green technology)

हमें ग्रीन टेक्नॉलॉजी पर खूब रिसर्च करने होंगे. इस टेक्नॉलॉजी में शामिल होने वाले अवयवों(Elements) को पहचानना होगा और फिर उसके लिए एक व्यापक रोडमैप तौयार करना होगा. दुनिया के विकसित कंट्री इस ओर काफी निवेश भी कर रहे है. ग्रीन टेक्नोलॉजी के तहत नवीकरणीय ऊर्जा, हरित परिवहन, प्रकृति को उसके असल रूप में बहाल करने और पर्यावरण के लिए फ़ायदेमंद वैकल्पिक टेक्नॉलॉजी पर निवेश करना शामिल होता है.

ग्रीन टेक्नॉलॉजी में ग्लोबल प्रैक्टिस(Global practices in green technologies)

चाहे बात अमेरिका की हो, यूरोपियन कंट्री, जापाना, दक्षिण कोरिया या फिर चीन की. ये सभी ग्रीन टेक्नॉलॉजी एक समृद्ध और न्यायपूर्ण समाज को बनाने की रुपरेखा विकसित कर रहे हैं. एक ऐसी सरंचना जिसमें ग्रीन हाउस गैसों का शुद्ध रूप से शून्य उत्सर्जन हो और जहां की आर्थिक प्रगति संसाधनों के अंधाधुंध इस्तेमाल का परिणाम न हो. 

अमेरिकी सरकार ने 2 खरब अमेरिकी डॉलर के संघीय निवेश के ज़रिए चार वर्षों में एक हरित आर्थिक सुधार योजना का रोडमैप तैयार किया है. इसी तरह फ्रांस और जर्मनी ने भी कार्बन उत्सर्जन को कम रखते हुए आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया है. इसके तहत नवीकरणीय ऊर्जा, हरित परिवहन,

प्रकृति को उसके असल रूप में बहाल करने और पर्यावरण के लिए फ़ायदेमंद दूसरी परियोजनाओं को वरीयता दी गई है. यूनाइटेड किंगडम की सरकार ने पर्यावरण अनुकूल विकास की 10 सूत्रीय योजना पेश की है. इसके ज़रिए 2050 तक कार्बन उत्सर्जन को शुद्ध रूप से शून्य तक लाने के मकसद के प्रति निजी क्षेत्र से बड़े पैमाने पर निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा गया है.

जापान और दक्षिण कोरिया ने भी हाल ही में 2050 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य तक लाने का लक्ष्य रखा है. वहीं चीन ने 2060 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य तक लाने का लक्ष्य रखने का वादा किया है और ये भरोसा दिलाया है कि कार्बन उत्सर्जन का उसका स्तर 2030 से पहले अपने शीर्ष तक पहुंच जाएगा और उसके बाद उसमें गिरावट चालू हो जाएगी.

निष्कर्ष(Conclusion): पर्यावरण के संरक्षण व संवर्धन और आने वाली पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए ग्रीन टेक्नॉलॉजी बेहद जरूरी है. देश के आर्थिक विकास को एक स्वच्छ, हरित और टिकाऊ स्वरूप देना नीति निर्माताओं का मुख्य लक्ष्य होना चाहिए. इसके तहत विकास के रास्ते के जोखिमों को कम करते हुए ग्रीन टेक्नॉलॉजी की तरफ़ बढ़ना चाहिए और रिसर्च पर जोर देना चाहिए. क्योंकि इससे जलवायु के विध्वंसकारी प्रभावों कम किया जा सकता है. इसलिए यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि पर्यावरण के अनुकूल ग्रीन टेक्नोलॉजी को अपनाकर उसे पहुंचने वाला नुकसान सीमित किया जाए.

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