जब-जब किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते है तब-तब सरकारे उन पर जोर-जुल्म क्यों करती है? इसलिए कि अन्न उपजा कर पूरे देश का पेट भरने वाला किसान लाचार है! वे सरकार की खराब नीतियों की वजह से तंगहारी में अपना जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं. आज गुरुवार, 10 सितम्बर को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में केंद्र सरकार के खेती से संबंधित अध्यादेश के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस की ओर से लाठीचार्ज किया गया. 

ये वहीं कुरुक्षेत्र की धरती है जहां भगवान ने दुविधा में पड़े मोहग्रस्त अर्जुन को 'गीता' का उपदेश दिया था. ये भूमि है अन्याय के खिलाफ न्याय की आवाज़ बुलंद करने की. ऐसे ही एक न्याय की मांग भारतीय किसान यूनियन ने कुरुक्षेत्र स्थित पिपली अनाज मंडी में 'किसान बचाओ, मंडी बचाओ' महारैली बुलाई थी. रैली में हिस्सा लेने के लिए किसान एक दिन पहले ही अपने घरों से निकले थे और पिपली मंडी में इकट्ठा हो रहे थे. 

किसान केंद्र सरकार के खेती से संबंधित तीन अध्यादेश के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करते हुए नेशनल हाइवे 44 पर जा पहुंचे. जब वे बाड़ोपट्टी टोल से गुजरने लगे तो पुलिस ने उन्हें वहीं पर रोक लिया और आगे नहीं जाने दिया. पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज भी किया, जिसमें कई किसान घायल हो गए हैं.

इस घटना को लेकर किसानों से लेकर आम जन, सामाजिक संगठन एवं प्रदेश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ी भी आक्रोशित हैं. इस घटना पर पहलवान बजरंग पूनिया ने अपने ट्वीट में लिखा, "किसान सिर्फ अपनी हक कि आवाज उठाने के लिए कुरुक्षेत्र जाने लगे, तो उन पर लाठीचार्ज किया गया. आवाज उठाना एक संवैधानिक हक है. किसान हमारे देश की धरोहर हैं उन का सम्मान करो. किसानों को चुनाव के समय बड़े-बड़े सपने दिखाए जाते हैं, और समय आने पर लाठियां बरसाई जाती हैं. धन्य हो सरकार."

आखिर सरकार और प्रशासन की ओर से ऐसी बर्बरता क्यों? अन्नदाता किसान अन्न उपजा कर आवाम का पेट भरने का काम करते हैं और उसी पर सरकार और पुलिस जोर-जुल्म कर रही हैं. उन्हें मारा-पीटा जा रहा है. कुछ तो शर्म करो हुक्मरानों!

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