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भारत में मॉनसून ने दस्तक दे दी है. इसके साथ ही देश के ज्यादातर राज्यों में बारिश का दौर शुरू हो चुका है. पहले से ही कोराना की कहर से परेशान लोगों को ये चिंता सताने लगी है कि बरसात के मौसम में कोरोना वायरस का असर कैसा रहेगा? वे जानना चाहते हैं कि कोरोना और बारिश के बीच क्या कोई कनेक्शन है? अगर हां तो इससे खतरा बढ़ेगा या घटेगा.

ऐसे में जब लोगों में इस वायरस को लेकर एक डर का माहौल कायम है. अभितक इसकी कोई वैक्सीन भी नहीं बन पाई है. केवल बचाव ही एकमात्र तरीका है, जिससे इसकी रोकथाम की जा सकती है. लोगों की चिंता उचित ही हैं, तो आइए जानते है इन सब सवालों के जबाव इस ब्लॉग में-

चुकि कोविड-19 नए किस्म का वायरस है, यह महज 5 माह पहले अस्तित्व में आया है. इससे जुड़ा कोई पिछला रिकॉर्ड नहीं है जिससे पता चले कि बारिश की वजह से मौसम के बदले मिजाज में यह किस प्रकार व्यवहार करता है? इससे इसकी सक्रियता पर क्या असर होगा? एक्सपर्ट्स की राय पर गौर करे तो ये तथ्य निकलकर आता है कि बरसात के मौसम में वातावरण में नमी बढ़ जाती है.

गौरतलब है कि बारिश से मौसम के तापमान में गिरावट आती है. इसकी वजह से हवा में नमी बनती है. कोविड-19 मुंह से निकली छोटी बूंदों (ड्रॉपलेट) से फैलता है. छींकने या खांसने के बाद इसके ड्रॉपलेट के रूप में बेहद बारीक कण हवा में फैल जाते हैं. बारिश में हवा में नमी का स्तर ज्यादा होने से कोरोना वायरस लंबे समय तक एक्टिव रह सकेगा. इससे हवा में तैरते वायरस तेजी से संक्रमण फैला सकते हैं. जाहिर है इससे खतरा बढ़ने की संभावना है.

आपको बता दें कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस की कहर से जूझ रही है. दिन-ब-दिन यह वायरस तेजी से फैल रहा है. अब तक विश्व में 1.40 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. वहीं इससे मरने वालों का आंकड़ा 5.97 लाख से अधिक हो चुका हैं. भारत में इस वायरस से 11.18 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 27 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं.

इसे देखते हुए हम कह सकते हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण का ख़तरा 'ज़्यादा' से बढ़कर 'बहुत ज़्यादा' हो गया है. जिस तेज रफ्तार से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में बारिश की मौसम में वायरस का संक्रमण और अधिक फैलने से गंभीर परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती है. वो ज़ाहिर तौर पर चिंताजनक है.

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