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1 अगस्त से बैंकिंग सेक्टर में ग्राहकों के लिए कई बड़े बदलाव होने जा रहा है. इन नए नियमों से एक ओर जहां आपको राहत मिलेगी, वहीं अगर आपने कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा तो आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है. आर्थिक मोर्चे पर महंगाई की मार झेलनी होगा क्योंकि एटीएम से पैसा निकालने पर ग्राहकों को ज्यादा खर्च करना पड़ेगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने हाल में ATM ट्रांजेक्शन पर चार्ज बढ़ाया है जो कल से यानी 1 अगस्त से लागू होगी. 

दरअसल, RBI ने एटीएम के जरिये एक बैंक से दूसरे बैंक के बीच वित्तीय लेनदेन पर लगने वाली इंटरचेंज फीस को 15 से बढ़ाकर 17 रुपये कर दिया है. इससे एटीएम से धन निकासी (ATM cash withdrawal) महंगी हो जाएगी. वहीं नॉन फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए चार्ज 5 रुपये से बढ़ाकर 6 रुपये कर दिया है.

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने भी डोरस्टेप डिलिवरी सेवाओं का इस्तेमाल करने वालों के लिए शुल्क बढ़ा दिया है. पोस्ट पेमेंट्स बैंक अब हर बार इन सेवाओं के लिए 20 रुपये फीस (जीएसटी अतिरिक्त) लेगा. वहीं आईसीआईसीआई बैंक (ICICI bank) ने भी घरेलू बचत खाताधारकों के लिए एटीएम लेनदेन का शुल्क और चेक बुक चार्ज बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. बैंक डिपॉजिट और निकासी दोनों के लिए ही शुल्क में बदलाव किया गया है. अब सिर्फ चार बार ही मुफ्त लेनदेन एटीएम से हो सकेगा. चार बार से ज्यादा नकद निकासी पर 150 रुपये का शुल्क लगाया जाएगा.

वहीं राहत वाली बात ये हैं कि अगस्त महीने से साप्ताहिक अवकाश या सरकारी छुट्टियों के दिन भी वेतन या पेंशन आने का नियम शुरू हो जाएगा, यानी अगर 30, 31 तारीख को अगर शनिवार-रविवार या फिर कोई घोषित अवकाश पड़ता है तो भी सैलरी या पेंशन न आनी की समस्या नहीं रहेगी. पैसा आपके खाते में तय दिन को आएगी. बता दें कि रिजर्व बैंक ने पिछले माह ऐलान किया था कि नेशमल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH) की सेवाएं हफ्ते में हर दिन उपलब्ध रहेंगी.

नेशमल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH) क्या है?

एनएसीएच(NACH) एक पेमेंट सिस्टम है, जिसका संचालन नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया करता है. एनपीसीआई द्वारा एनएसीएच को इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम (ECS) के स्थान पर पेश किया है. यह लाभांश, ब्याज, सैलरी और पेंशन ट्रांसफर का कामकाज देखती है. 

यह गैस, बिजली, टेलीफोन, पानी जैसे बिलों के पेमेंट का कलेक्शन भी करती है. साथ ही लोन ईएमआई (Loan EMI), म्यूचुअल फंड(Mutual funds) और बीमा प्रीमियम(Insurance premium) की किस्तों को कलेक्ट करने का काम भी करती है. 

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