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अत्‍याधुनिक मिसाइलों और घातक बमों से लैस फाइटर जेट राफेल की पहली खेप आज देश की सरजमीं पर लैंड करेंगी. रफ़ाल एक फ्रेंच शब्द है जिसका अर्थ आंधी होता है. यथा नाम तथा गुण यानी अपने नाम के मुताबिक रफ़ाल भारतीय वायुसेना को मजबूत करेगा. इससे देश की सैन्य ताकत अब और अभेद व घातक बन जाएंगी. इससे भारतीय वायुसेना के बेड़े की ताकत में काफी इजाफा होगा.

परमाणु हथियार ले जाने की ताकत रखने वाला ये विमान दुनिया में अकेला ऐसा फाइटर एयरक्राफ्ट है, जो 55 हजार फीट की ऊंचाई से भी दुश्मन को तबाह करने की क्षमता रखता है. वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए जिस तरह से हमारे उत्तरी पड़ोसियों से खतरा है, राफेल का आना काफी महत्वपूर्ण है. सबसे अहम बात यह है कि ये काबिलियत हमारे पड़ोसियों पाकिस्तान और चीन दोनों की ही सेना के पास नहीं है.

गौरतलब है कि भारत सरकार ने 2016 में फ्रांस सरकार के साथ 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए 59,000 करोड़ रुपये में डील की है. अब करीब चार साल बाद राफेल विमान की पहली खेप देश को मिल रही है. पहले जत्थे में पांच राफेल लड़ाकू विमान भारत आ रहे हैं. डसॉल्ट की ओर से भारतीय वायुसेना पायलट और सभी सपोर्टिंग स्टॉफ को एयरक्रॉफ्ट और वैपन सिस्टम की पूरी ट्रेनिंग दी जा चुकी है.

भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट फ्रांस के मेरिनेक एयरबेस से मंगलवार 28 जुलाई को रवाना हुई, बीच में इसे यूनाइटेड अरब एमिरेट्स(यूएई) के अल-दफरा एयरबेस पर लैंड किया गया. ये विमान लगभग सात हजार किलोमीटर का सफर तय करके आज बुधवार 29 जुलाई को अम्बाला एयरबेस पर पहुंचेंगी. राफेल के दोपहर तक एयरबेस पहुंचने की संभावना है. इसे रिसीव करने के लिए खुद वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया मौजूद रहेंगे.

5 विमानों की खेप में सबसे पहले विमान को वायुसेना की 17वीं गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन के कमांडिंग ऑफिसर और शौर्य चक्र विजेता ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह लैंड करवाएंगे. उसके बाद 4 अन्य राफेल लैंड करेंगे. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अंबाला एयर बेस पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, इस दौरान 3 किलोमीटर का दायरा नो ड्रोन जोन घोषित किया गया है.

आपको बता दें कि 18 साल से कोई नया फाइटर एयरक्राफ्ट सैन्य रक्षा बेड़े में शामिल नहीं हुआ था. जो अंतिम फाइटर एयरक्राफ्ट आया था, वो सुखोई Su-30MKI है, जिसे 2002 में शामिल किया गया था. वहीं 2021 अंत तक सभी 36 राफेल जेट की डिलिवरी कर दी जाएगी. फ्रांस में भारतीय राजदूत जावेद अशरफ ने कहा कि हमारे पायलट्स ने हमें बताया कि राफेल बेहद तेज़, फुर्तीले, कई खासियत से लैस और बेहद खतरनाक फाइट जेट हैं. आप उसे ब्यूटी और बीस्ट कह सकते हैं.

राफेल एक मिनट के भीतर ही करीब 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर पहुंचने की क्षमता रखता है. राफेल में 3 तरह की मिसाइल्स लगाई जाएंगी. हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल. हवा से जमीन में मार करने वाल स्कैल्प मिसाइल और तीसरी हैमर मिसाइल. इन तीनों मिसाइल्स से लैस राफेल का सामना करने की दुश्मन में ताकत नहीं है.

आईएएफ ने कहा है कि राफेल की यात्रा के दौरान जिस तरह की मदद फ्रेंच एयरफोर्स की तरफ से मिली, वह उसकी शुक्रगुजार है. enter image description here

राफेल जेट की कमीशनिंग सेरेमनी अगस्‍त में होगी. आईएएफ के मुताबिक लैंड करते ही पायलट्स, ग्राउंड क्रू और फाइटर जेट, भारत पहुंचते ही ऑपरेशन के लिए रेडी हो जाएंगे.

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