आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू यानी मौद्रिक नीति समीक्षा करने के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए नीतिगत फैसलों के बारे में जानकारी दीं. उन्होंने बताया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है और अब सोने के एवज में मूल्य का 90 प्रतिशत तक कर्ज दिया जायेगा, पहले यह 75 प्रतिशत तक दिया जा रहा था.
मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू क्या है?
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति के जरिए अर्थव्यवस्था में फंड की उपलब्धता सुनिश्चित करता है. इसके ज़रिए महंगाई पर नियंत्रण, कीमतों में स्थिरता और टिकाऊ आर्थिक विकास दर को हासिल करने के लिए रोडमैप तैयार किया जाता है. केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) हर दूसरे महीने मौद्रिक नीति की समीक्षा करता है. इसमें अर्थव्यवस्था की स्थिति को देखते हुए नीतिगत ब्याज दरें घटाने या बढ़ाने का फैसला किया जाता है.
मौद्रिक नीति की अहम बातें
क्या होता है लोन रिस्ट्रक्चरिंग?
लोन रिस्ट्रक्चरिंग का मतलब कर्ज का पुनर्गठन. आसान भाषा में कहे तो आपने बैंक से कोई कर्ज लिया है और जिसकी समय सीमा 5 साल है एवं ब्याज की दर 9 प्रतिशत है. आर्थिक परेशानियों की वजह से आपने पिछले कुछ महीनों से ईएमआई नहीं भर पा रहे है. ऐसे में आप लोन रिस्ट्रक्चरिंग की सुविधा ले सकते है. लेकिन इसका लाभ किसे और कैसे मिलेगा, यह बैंक ही तय करेंगे.
लोन रिस्ट्रक्चरिंग की सुविधा कौन ले सकता है?
आरबीआई ने सिर्फ उन्हीं कर्जदारों के लोन को रिस्ट्रक्चरिंग करने की अनुमति दी है, जिनका 1 मार्च, 2020 की स्थिति में 30 दिन से ज्यादा का डिफॉल्ट नहीं था. यानी जिन पर कोविड-19 की वजह से आर्थिक दिक्कतें आईं हैं. इससे पुराने डिफॉल्टर इस स्कीम में एडजस्ट नहीं हो सकेंगे. बैंकों को रिस्ट्रक्चरिंग के बाद बचे कर्ज पर अतिरिक्त प्रावधान करने होंगे. इसका मतलब यह है कि रिजॉल्युशन प्लान नए डिफॉल्टरों पर ही होगा.