Image credit: reuters.com मिसाइल मैन के रूप में प्रसिद्ध कलाम दुनिया के नक्शे पर भारत को सबसे आगे की कतार में रखने के लिए आखिरी सांस तक चिंतनशील और प्रयत्नशील रहें. आज कलाम साहब की पूण्यतिथि तिथि है. आज ही के दिन यानि 27 जुलाई 2015 की शाम अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग में 'रहने योग्य ग्रह' पर एक व्याख्यान दे रहे थे जब उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिससे उनकी मौत हो गई.

कलाम ने विजन 2020 दिया. इसके तहत कलाम ने भारत को विज्ञान के क्षेत्र में तरक्की के जरिए 2020 तक अत्याधुनिक करने की खास सोच दी गई. कलाम साहब अपनी मिट्टी से इतने जुड़ें हुए थे कि भारत रत्न मिलने और राष्ट्रपति बनने के बाद भी उन लोगों से जुड़े रहे जब वे महज अखबार बेचने वाले कलाम थे.

कलाम को जब भी मौका मिलता वे उनके बीच ही रहना पसंद करते. आज उनके पुण्यतिथि पर उनसे जुड़ी एक वाकया साझा कर रहा हूं. बात उन दिनों की है जब कलाम साहब राष्ट्रपति बने और राष्ट्रपति बनने के कुछ दिन बाद वो किसी इवेंट में शरीक होने केरला राज भवन, त्रिवेंद्रम गए. जहां उनके पास अपनी तरफ से किन्ही दो लोगों को बुलाने का अधिकार था.

आप जान कर हैरत में पड़ जाएंगे कि उन्होंने किसे बुलाया- एक मोची को और एक छोटे से होटल के मालिक को. ऐसा इसलिए क्योंकि वे बतौर वैज्ञानिक काफी समय त्रिवेन्द्रम में रहे थे, और तभी से वे इन लोगों को जानते थे. इसलिए किसी नेता या सेलेब्रिटी को बुलाने की बजाये उन्होंने इन आम लोगों को महत्व दी.

ऐसे थे हमारे कलाम साहब. उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ. कलाम के घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. जैसे-तैसे परिवार का गुजारा हो पाता था. ऐसे में कलाम को अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए अखबार बेचने का काम भी करना पड़ा.

1962 में कलाम इसरो में पहुंचे. इन्हीं के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहते भारत ने अपना पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 बनाया. 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के समीप स्थापित किया गया और भारत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया. कलाम ने इसके बाद स्वदेशी गाइडेड मिसाइल को डिजाइन किया. उन्होंने अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलें भारतीय तकनीक से बनाईं.

1992 से 1999 तक कलाम रक्षा मंत्री के रक्षा सलाहकार रहे. इस दौरान वाजपेयी सरकार ने पोखरण में दूसरी बार न्यूक्लियर टेस्ट भी किए और भारत परमाणु हथियार बनाने वाले देशों में शामिल हो गया. कलाम भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे.

कलाम को 1981 में भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म भूषण और फिर, 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में भारत रत्न प्रदान किया. भारत के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति पर नियुक्ति से पहले भारत रत्न पाने वाले कलाम देश के केवल तीसरे राष्ट्रपति हैं. उनसे पहले यह मुकाम सर्वपल्ली राधाकृष्णन और जाकिर हुसैन ने हासिल किया. वे 2002 से 2007 तक 11वें के रूप में देश की सेवा की.

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